MP: स्कूल के पास पहुंचा मगरमच्छ, देखकर उडे़ होश, दो घंटे घेरकर खडे़ रहे
सागर, 17 अगस्त। मप्र में बीते रोज शिवपुरी में पाॅश काॅलोनी में बारिश के दौरान मगरमच्छ के सड़कों पर पहुंचने और पूरी काॅलोनी दरवाजे बंद कर छतों पर पहुंचने के बाद बुधवार को दमोह जिले के अधरौटा में सरकारी स्कूल के परिसर तक एक बड़ा मगरमच्छ पहुंच गया। स्कूल जा रहे बच्चों की नजर मगरमच्छ पर पड़ी तो पूरे इलाके में दहशत फैल गई। हो-हल्ला मचने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। गांव के लोग मौके पर इकट्टा हो गए।
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दमोह जिले के अधरौटा स्कूल तक पहुंच गया मगरमच्छ
भारी बारिश के दौरान सामान्य और जहरीले जीवजंतु तो ठीक मगरमच्छ जैसे खतरनाक प्राणी भी आबादी के निकट पहुंच रहे हैं। दमोह जिले के अधरौटा में बुधवार को एक मगरमच्छ सरकारी स्कूल के पास पहुंच गया। स्कूल के रास्ते में बच्चों और उनके साथ आसपास के ग्रामीणों ने मगरमच्छ को देखा तो सबके होश उड़ गए। करीब दो घंटे तक ग्रामीण मगरमच्छ को घेरकर खडे़ रहे। जब वन विभाग की टीम पहुंची तक उसको पकड़कर सिंगौरगढ़ के तालाब में छोड़ा जा सका।
मगरमच्छ को घेरकर मारने पर अमादा, बुजुर्गों ने समझाया
बच्चों की स्कूल के पास खतरनाक मगरमच्छ को देखकर गांव वाले तैश में आ गए। बच्चों की सुरक्षा कि चिंता वे कुछ उत्साही लोग मगरमच्छ को मारने की तैयारी में जुट गए। माजरा समझ कुछ बुजुर्गों ने उन्हें समझाया कि मगरमच्छ ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। भटक कर यहां आ गया है। मारने का क्या फायदा इसे वन विभाग को बुलाकर उनके हवाले कर दो। इसका असर हुआ और वन विभाग को सूचना दी गई।
मगरमच्छ को दो घंटे घेरकर खडे़ रहे लोग
जिला प्रशासन स्तर व वन ग्रामीणों से सूचना मिलने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी अधरौटा गांव पहुंचने में लेट-लतीफ पहुंचे। करीब दो घंटे की देरी से वन विभाग का अमला गांव पहुंचां इसको लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश भी जताया। सबसे बड़ी बात दो घंटे से अधिक समय तक गांव वाले मगरमच्छ को घेरकर खड़े रहे। भीड़ को देखकर वह भी एक ही स्थान पर जमकर बैठा रहा। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जब पहुंचे और उसका रेस्क्यु किया गया।
सिंगौरगढ़ के तालाब में मगरमच्छ को छोड़ा गया
वन विभाग के अमले ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ का रेस्क्यु कर उसे पकड़ने में सफलता पाई। उसे सुरक्षित तरीके से ले जाकर सिंगौरगढ़ के तालाब में छोड़ा है। यहां पर आधा दर्जन मगरमच्छ पहले से ही मौजूद है। इसलिए अभयारण्य में स्थित तालाब में अधरौटा से पकड़े मगरमच्छ को छोड़ा गया है।