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MP: जान लेने पर अमादा थी 108 एंबुलेंस, लगा मानो यमराज चला रहे हों, दौड़कर बचाई जान

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ओपीडी गेट पर रहली आई 108 एंबुलेंस की स्टेयरिंग पर अनाड़ी व्यक्ति बैठ गया, उसने गाड़ी स्टार्ड कर एक्सीलेटर दबा दिया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर तेजी से पास ही पार्किंग में खड़ी बाइकों पर चढ़ गई

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108 ambulance

बीएमसी परिसर में धूप में बैठे मरीजों के परिजनों को शनिवार को एक 108 एंबुलेंस के रूप में यमराज के दर्शन हो गए, तेजी से अपनी तरफ झपटी एंबुलेंस को देखकर लोगों ने दौड़कर, भागकर, उछलकर जान बचाई! एंबुलेंस उनके सामने से होते हुए पार्किंग में खड़े दुपहिया वाहनों पर चढ़ गई। एक मोपेट एंबुलेंस के नीचे फंस गई, जिसके कारण वह रुक गई। गाड़ी में ड्राइवर की जगह गांव का एक आदिवासी युवक स्टेयरिंग संभाले था।

108 ambukance sagar

सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार दोपहर में रहली ब्लॉक से एक 108 एंबुलेंस नंबर सीजी 04 एनवी 6502 है मरीज को लेकर आया था। मरीज को नीचे उतारने के बाद ड्राइवर ने अपने साथ घूमने आए अनाधिकृत व्यक्ति गंगाराम आदिवासी को स्टेयरिंग थमाकर गाड़ी को साइड से लगाने के लिए बोल दिया। युवक को फोरव्हीलर चलाना ही नहीं आता। गंगाराम ने भी फिल्मी स्टाइल में स्टेयरिंग थामी और एक्सीलेटर पर पैर रखकर चाबी घुमा दी, बस फिर क्या था, एंबुलेंस रॉकेट बन गई और तेजी से सामने ओपीडी गेट के पास धूप सेंक रहे लोगों की तरफ दौड़ पड़ी गाड़ी की स्पीड भांपकर लोगों ने दौड़ लगा दी तो एंबुलेंस पार्किंग में रखी दुपहिया गाड़ियों पर चढ़ गई। अस्पताल में मरीज से मिलने आए या उनके परिजन की करीब दर्जनभर बाइक और मोपेड कुचल दीं। एक एक्टिवा वाहन तो ​एंबुलेंस के नीचे जाकर फंस गया था।

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गनीमत रही कोई चपेट में नहीं आया

Sonu chutile

प्रत्यक्षदर्शी नीतेशी चुटीले और ऋषभ दुबे ने बताया कि रहली से 108 एंबुलेंस मरीज को लेकर आई थी। मरीज को उतारकर ड्राइवर ने गाड़ी किनारे लगाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति को दे दी जो गाड़ी चलाना नहीं जानता था। उसने गाड़ी स्टार्ड कर एक्सीलेटर दबा दिया। सोनू के अनुसार यहां काफी सारे लोग, मरीजों के परिजन धूप सेंकते हैं, भोजन करते हैं, गनीमत रही कोई गाड़ी की चपेट में नहीं आया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। कई गाड़ियों पर एंबुलेंस चढ़ गई और वे चरपट हो गईं।

Gangaran adivasi

मैं तो साथ में घूमने आया था, उस्ताद ने कहा आगे कर दो

एंबुलेंस से गाड़िया कुलचने वाले गंगाराम आदिवासी का कहना है कि वह ड्राइवर के साथ एंबुलेंस में धूमने आया था। बीएमसी के गेट पर चौकीदार ने कहा कि गाड़ी किनारे कर दो, चाबी गाड़ी में लगी थी, उस्ताद ने कहा कि चाबी लगी है, गाड़ी जरा सी आगे कर दो, मैंने कहा था कि मुझे गाड़ी चलाना नहीं आता, वे बोले, जरा सी आगे कर दो। मैंने क्लिर पर पैर रखा तो चाबी में हाथ लग गया और गाड़ी आगे बढ़ गई।

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108 प्रबंधन की गंभीर लापरवाही है
शासकीय नियमों के तहत सड़कों पर दौड़ रही 108 एंबुलेंस को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। इसमें केवल पायलट अर्थात ड्राइवर और ईएमटी स्टाफ के रूप में चलते हैं। वहीं अटेंडर के साथ भी दो या तीन लोगों को अस्पताल ले जाने का नियम है। इसमें अनाधिकृत रूप से कोई भी व्यक्ति सवार नहीं हो सकता। बीएमसी मामले में 108 एंबुलेंस में गंगाराम जो स्टेयरिंग पर बैठ गया वह ड्राइवर के साथ घूमने के लिए रहली से सागर तक आ गया था। यह गंभीर चूक व लापरवाही है।

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English summary
A clumsy person sat on the steering wheel of the I-108 ambulance parked at the OPD gate in Bundelkhand Medical College, started the vehicle and pressed the accelerator, causing the vehicle to go uncontrolled and rammed the bikes parked nearby.
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