जिंदगी भर ना छूटे साथ इसलिए 'इकरा बनी इशिका', धर्म बदल कर की शादी, जानें पूरा मामला
मंदसौर, 10 सितंबर। जब दो प्यार करने वाले एक होते हैं, तो जाति और धर्म का बंध टूट जाता है। एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से आया है। प्यार को खोना न पड़े इसलिए एक मुस्लिम लड़की ने सनातम धर्म को स्वीकारते हुए हिंदू लड़के से शादी कर ली है। लड़के के परिवार वालों ने भी लड़की को अपना लिया है। साथ ही लड़के के घर वालों ने लड़की को नया नाम इशिका दिया है। धर्म बदलकर शादी करने के इस मामले की अब चारो तरफ चर्चा हो रही है।
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ऐसे हुई दोनों की मुलाकात
जानकारी के मुताबिक मूल रूप से मंदसौर के कालाखेत के रहने वाले राहुल वर्मा पिछले कई सालों से राजस्थान के जोधपुर में रहकर डांस क्लास चलाते हैं। इस दौरान राहुल की पड़ोस में रहने वाली मुस्लिम लड़की से मुलाकात हुई। कई दिनों तक दोनों एक दोस्त के रूप में मिलते रहे, लेकिन ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता नहीं चला। हालांकि, जब दोनों ने शादी करनी चाही तो उनके बीच धर्म आड़े आने लगा। लेकिन दोनों एक दूसरे से किसी भी कीमत पर जुदा नहीं होना चाहते थे, इसलिए लड़की ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया।
वैदिक रीति-रिवाज से हुई शादी
लड़के ने प्यार की कहानी जब परिवार वालों को बताई तो वो भी दोनों को एक करने के लिए राजी हो गए। इसके बाद परिजनों ने सबसे पहले लड़की और घरवालों की रजामंदी पर धर्म परिवर्तन कराया और उसके बाद वैदिक रीतिरिवाज से दोनों का विवाह करवा दिया। जानकारी के मुताबिक लड़की का धर्म परिवर्तन 7 सितंबर को गायत्री मंदिर में कराया गया। इसके बाद लड़की का नाम इकरा से इशिका रख दिया गया।
चैतन्य सिंह राजपूत भी थे मौजूद
कालाखेत स्थित गायत्री मंदिर में जिस वक्त दोनों का विवाह हो रहा था। उस वक्त कुछ महीने पहले मुस्लिम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले चैतन्य सिंह राजपूत भी मौजूद थे। इसके अलावा विवाह के दौरान लड़के और लड़की के परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। दोनों की शादी वैदिक रीति-रिवाज से कराई गई।
किसी पर कोई दबाव नहीं, दोनों ने मर्जी से की शादी
चैतन्य सिंह राजपूत ने बताया कि लड़की धर्म परिवर्तन करना चाह रही थी। वहीं, लड़की के पिता शाकिर और लड़के के पिता दिनेश वर्मा भी दोनों की शादी के लिए तैयार थे। इसके बाद पुलिस को सभी डॉक्यूमेंट्स दिए गए। फिर पंचद्रव्य से स्नान और अनुष्ठान कर सभी आवश्यक धार्मिक क्रियाएं कर सनातन धर्म स्वीकार किया गया। शादी की रस्म के बाद इकरा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यह उसका व्यक्तिगत फैसला था। किसी ने भी उसे धर्म परिवर्तन के लिए विवश नहीं किया।