खाने-खिलाने के शौकीन थे अटल जी, इस शहर के 'मंगौड़ों' पर छिड़कते थे जान
ग्वालियर। ग्वालियर का गोरखी स्कूल, एमएलबी कॉलेज (तत्कालीन विक्टोरिया कॉलेज) जहां कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पढ़ा करते थे। स्कूल के हर कमरे, खेल के मैदान, अहाते मानो सबमें अटल जी की यादें बसी हैं। स्कूल में अटल बिहारी वाजपेयी ने मिडिल तक की शिक्षा हासिल की थी।
खास बात ये है कि 1935-37 में जब अटल जी इस स्कूल में पढ़ते थे, तो उस वक्त उनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी इसी स्कूल में पढ़ाया करते थे। स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को सहेज कर रखा गया है, जिसमें कभी अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी। अटल जी ने ग्वालियर में अंतिम बार अपना 71वां जन्मदिन 25 दिसम्बर 2004 को मुरार के वीआईपी सर्किट हाउस में परिवारजनों और शहर के लोगों के साथ मनाया था। ग्वालियर की धरती पर एक ऐसा गुदड़ी का लाल पैदा हुआ, जिसने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से भारत का नाम विश्व में स्वर्णाक्षरों में लिख दिया।
बहदुरा
के
लड्डू
और
मंगोड़े
वाली
काकी
अटल
बिहारी
वाजपेयी
खाने
और
खिलाने
के
भी
बहुत
शौकीन
थे।
ग्वालियर
के
नया
बाजार
में
स्थित
बहादुरा
के
लड्डू
और
रसगुल्ले
अटल
जी
को
खासतौर
पर
पसंद
थे।
जब
वे
प्रधानमंत्री
बने
और
उनका
ग्वालियर
आना-जाना
कम
हो
गया,
तब
उनके
लिए
यहां
से
विशेष
तौर
पर
लड्डू
और
रसगुल्ले
दिल्ली
भेजे
जाते
थे।
अटल जी को मंगौड़े और पकौड़ियां भी खासी पसंद थीं। यही वजह रही कि अटलजी अपने साथियों के साथ दौलतगंज पार्क के पास सड़क किनारे लगने वाली दुकान पर पहुंच जाते और मंगौड़े वाली काकी के मंगौड़ों का लुत्फ उठाते। ये दुकान करीब 60 साल पुरानी है। 2004 में जब अटल जी ग्वालियर आए तो सबसे उन्होंने यहीं से मंगौड़े मंगाए। वहीं ग्वालियर के फालका बाजार स्थित नमकीन की दुकान से अटल जी खट्टा-मीठा और चरपरा चिवड़ा लेते थे।
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