डॉ. सतेंद्र मिश्रा कोरोना पॉजीटिव, सरकार ने 18 लाख खर्च कर 175 KM लंबे ग्रीन कॉरिडोर से भेजा हैदराबाद
सागर। कोरोना महामारी के दौर में दिन रात मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों की जान जोखिम में पड़ रही है। फिर भी ये कोरोना वॉरियर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। ऐसे ही डॉक्टर हैं सतेंद्र मिश्रा, जो टीबी एंड चेस्ट रोग स्पेशलिस्ट हैं और बीते चार माह से मध्य प्रदेश के सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहे थे।
12 अप्रैल को हुए थे कोरोना पॉजीटिव
कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते खुद डॉ. सत्येंद्र मिश्रा भी संक्रमित हो गए। 12 अप्रैल को डॉक्टर के कोरोना पॉजीटिव होने का पता चला और इसके बाद से इनकी तबीयत इस कदर बिगड़ती चली गई कि इनके 80 प्रतिशत फेफड़ों में संक्रमण फैल गया। नौबत फेफड़े ट्रांसप्लांट की गई। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने डॉ. सत्येंद्र मिश्रा की जान बचाने के लिए सोमवार सुबह एयर लिफ्ट करके हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में पहुंचाया। वहां पर लंग्स ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ. अपार जिंदल की देखरेख में इलाज चल रहा है।
175 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया
हैदराबाद के अस्पताल में डॉ. सत्येंद्र मिश्रा की हालत स्थिर बताई जा रही है। इसके पहले रविवार की छुट्टी के बावजूद उनके लिए खास परमिशन लेकर बैंक खुलवाई गई और एयर एंबुलेंस कंपनी का 18 लाख रु. किराया RTGS से भुगतान भी किया। सागर से भोपाल तक 175 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया।
सागर जिला कलेक्टर दीपक सिंह ने एयर एंबुलेंस की राशि का भुगतान करने के लिए मुंबई स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मुख्यालय में अफसरों से बात की। तब जाकर रविवार को बैंक खुली। दो बैंक कर्मचारियों ने एंट्री और वैरीफिकेशन किया। फिर आरटीजीएस से 18.25 लाख रुपए की राशि बैंगलुरू की आईसीएटीटी हेल्थ सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर की गई। इसके बाद एयर एंबुलेंस हैदराबाद से भोपाल के लिए रवाना हुई।