तेंदुए के हलक में डंडा डालकर हत्या, वन चौकीदार का हाथ जकड़ लिया था
दमोह जिले के कुम्हारी में दो दिन से एक तेंदुआ खेतों और गांव के मकानों के आसपास घूम रहा था। रेस्क्यू के दौरान तेंदुए ने वन विभाग के चौकीदार पर हमला कर हाथ जकड़ लिया। उसे बचाने, तेंदुए की हत्या कर दी गई।
मप्र
के
दमोह
जिले
के
कुम्हारी
और
पड़री
गांव
में
दो
दिन
से
एक
तेंदुआ
शिकार
की
तलाश
में
घूम
रहा
था।
वह
दमोह-कटनी
मार्ग
पार
करते
दिखा,
खेत
में
आराम
फरमाते
वीडियो
नजर
आया
था।
इसके
बाद
तेंदुआ
कुम्हारी
गांव
में
घुस
गया।
घरों
के
आंगन
में
घमते
दिखा
था।
वन
विभाग
और
ग्रामीणों
ने
बीते
रोज
पटाखे
चलाकर
उसे
जंगल
में
भगाने
का
प्रयास
किया,
लेकिन
वह
नहीं
भागा।
इधर
जब
उसका
रेस्क्यू
प्रारंभ
किया
तो
शाम
के
बाद
अंधेरे
में
वन
विभाग
की
टीम
के
साथ
मौजूद
चौकीदार
प्रताप
सिंह
ठाकुर
पर
हमला
कर
दिया।
तेंदुए
ने
प्रताप
का
हाथ
जबड़े
में
जकड़
लिया।
एकदम
से
तेंदुए
के
हमले
से
दहशत
में
आए
वनकर्मियों
और
ग्रामीणों
को
कुछ
नहीं
सूझा
तो
उन्होंने
चौकीदार
का
हाथ
छुड़ाने
के
लिए
तेंदुए
के
जबड़े
में
डंडे
डाल
दिए।
इनमें
से
एक
डंडा
उसकी
गर्दन
तक
जा
धंसा।
तेंदए
ने
हाथ
तो
छोड़
दिया,
लेकिन
फिर
उस
पर
मौजूद
वनकर्मियों
ने
डंडे
बरसाना
शुरु
कर
दिया।
असहाय
होकर
वहीं
बेदम
होकर
गिर
गया।
डंडे पर बांधकर, लटकाकर गाड़ी तक लाए तेंदुआ
दमोह वन विभाग के डिप्टी रेंजर ज्ञान प्रकाश ने जो जानकारी दी थी, उसमें वे तेंदुए के पहले से घायल होने और उसे जबलपुर इलाज के लिए भेजने की बात कह रहे थे। उन्हीं की अल्टो कार से घायल चौकीदार को जिला अस्पताल लाया गया। यहां भर्ती कर इलाज चल रहा था, इसी दौरान उसके परिजन भूप सिंह लोधी ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में बता दिया कि तेंदुए से भूपेंद्र को बचाने दौड़े और उसके मुहं में लकड़ी डाल दी थी। इसी वजह से तेंदुए की मौत हुई है।
एसडीओ
ने
आधी
रात
को
स्वीकारी
तेंदुए
की
मौत
वन
विभाग
के
अधिकारी
करीब
8
घंटे
तक
तेंदुए
के
मरने
की
खबर
को
दबाए
रहे
और
गोल-मोल
जवाब
देते
रहे।
उसे
इलाज
के
लिए
जबलपुर
भेजने
की
बात
कहते
रहे।
आधी
रात
को
वन
विभाग
के
एसडीओ
आरसी
चौबे
ने
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
तेंदुआ
घायल
था,
उसे
इलाज
के
लिए
जबलपुर
ले
जा
रहे
थे,
लेकिन
रास्ते
में
उसकी
मौत
हो
गई।
जंगल में बाघों ने रोक लिया सैलानियों का रास्ता, आधे घंटे तक सांसें थामे एकटक देखते रहे
यह
पहला
मामला
जब
रेस्क्यू
के
दौरान
तेंदुआ
की
हत्या
हुई
हो
बुंदेलखंड
इलाके
में
जब-तब
तेंदुआ
आबादी
के
आसपास
नजर
आ
जाते
हैं।
हालांकि
या
तो
ये
जंगल
में
वापस
चले
जाते
हैं,
या
इनका
रेस्क्यू
कर
लिया
जाता
है।
यह
पहला
मौका
है
जब
गांव
में
घुसे
तेंदुए
की
रेस्क्यू
के
दौरान
खुद
वन
विभाग
व
ग्रामीणों
द्वारा
हत्या
कर
दी
गई
हो।