दिल्ली-केरल के धर्मांतरण कराने वाले दे रहे धमकी, पैसे भी वापस मांग रहे
conversion: धर्मांतरण के तीन अलग-अलग मामलों को लेकर चर्चा में आए मप्र के दमोह जिले में अब धर्मांतरण के बाद घर वापसी करने वालों को केरल और दिल्ली तक से धमकियां मिल रही हैं। उन्हें कहा जा रहा है कि या तो वे वापस आ जाएं या फिर धर्मांतरण के लिए जो राशी मिली थी, वह वापस करें।
Madhya pradesh के दमोह जिले में एक के बाद एक धर्मांतरण के तीन मामलों का खुलासा हुआ था। इसमें मिशन के तीन अवैध रुप से संचालित बालगृह में बच्चों और किशोरों का धर्मांतरण कराया जा रहा था। एक मुस्लिम को पास्टर बनाने की ट्रेनिंग चल थी, दूसरे मामले में दमोह के बच्चों का रायसेन के गौरीहर में मुस्लिम बना दिया गया था। तीसरा मामला दमोह में मजदूरों को रुपयों का लालच देकर और कुछ मदद कर उन्हें क्रिश्चियन बना दिया गया था। इन मजदूरों की घर वापसी कराई गई है, जिसके बाद इन्हें केरल और दिल्ली से क्रिश्चियन मिशनरी से जुड़े लोग धमका रहे हैं, रुपए वापस मांगे जा रहे हैं। इस आशय की पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर लिखित में शिकायत की है।
Bundelkhand के दमोह में हिन्दू संगठनों के साथ मजदूरी करने वाले कुछ पीड़ित परिवारों से पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार को शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि उन्हें लालच देकर व उनकी आर्थिक मजबूरियां का फायदा उठाकर धर्मांतरण कराकर ईसाई कराया गया था। लेकिन वे अपने हिन्दू धर्म के संस्कार और पूजा-विधि नहीं छोड़ना चाहते थे, इस कारण स्वेच्छा से घर वापसी की है। इसके बाद ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग उन्हें धमका रहे हैं। स्थानीय तो ठीक उन्हें दिल्ली और केरल तक से धमकियां मिल रही हैं। पीड़ितों ने ऐसे लोगों से जान की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से मदद की मांग की है।
थामस
बंधुओं
ने
कराया
था
धर्मांतरण,
नहीं
हुई
कार्रवाई
आवेदन
में
यह
भी
कहा
गया
है
कि
हिन्दू
धर्म
को
वापस
अपनाने
के
बाद
उन्हें
पहले
दिन
से
ही
धमकियां
दी
जा
रही
हैं।
मराहार
स्थित
यीशु
बालगृह
में
मिशनरी
गतिविधियां
संचालित
होने
पर
थामस
बंधुओं
ने
उनका
धर्मांतरण
कराया
था।
इस
मामले
में
आज
तक
एफआईआर
दर्ज
नहीं
कराई
गई
है।
इधर
अहिरवार
समाज
लोगों
ने
फिर
से
हिन्दू
धर्म
अपना
लिया
है,
जिसके
बाद
उन
लोगों
को
अब
धमकियां
मिल
रही
हैं।
एसपी
से
ज्ञापन
देने
पहुंचे
पीड़ितों
में
एक
महिला
ने
एसपी
को
बताया
कि
वे
शिकायत
करने
आ
रहे
थे,
तभी
एसपी
ऑफिस
के
बाहर
ही
केरल
और
दिल्ली
के
दो
लोगों
ने
उन्हें
धमकाया
और
देख
लेने
की
बात
कही।
वे
लोग
धर्म
परिवर्तन
के
नाम
पर
जो
पैसे
दिए
उसे
वापस
मांग
रहे
थे।
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बाल
संरक्षण
एवं
अधिकार
आयोग
अध्यक्ष
ने
किया
था
खुलासा
राष्ट्रीय
बाल
संरक्षण
एवं
अधिकार
आयोग
के
अध्यक्ष
प्रियंक
कानूनगो
व
सदस्य
ओमकार
सिंह
ने
दमोह
में
ईसाई
मिशनरी
द्वारा
संचालित
विभिन्न
संस्थाओं
का
निरीक्षण
किया
था।
इसमें
बाल
भवन
के
लिए
इकाईयों
में
195
बच्चों
के
धर्मांतरण
का
मामला
सामने
आया
था।
इस
मामले
में
उन्होंने
खुद
पुलिस
थाने
पहुंचकर
शिकायत
दर्ज
कराई
थी।
दमोह
के
ही
एक
परिवार
ने
शिकायत
दर्ज
कराते
हुए
बताया
था
कि
उनके
तीन
बच्चे
कोरोना
काल
में
खो
गए
थे,
जिन्हें
रायसेन
जिले
के
गौरीहर
में
बाल
शिशुगृह
में
रखकर
उनको
मुस्लिम
बना
दिया
गया
है।
आयोग
अध्यक्ष
कानूनगो
ने
वहां
पहुंचकर
बच्चों
से
मुलाकात
की
थी,
जिसके
बाल
महिला
बाल
विकास
विभाग
और
बाल
कल्याण
समिति
के
माध्यम
से
बच्चों
को
घर
भेजा
गया
है।