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एनाकोंडा से बड़े 'अजगर दादा' देवी मंदिर के नीचे गुफाओं में इनका बसेरा, देवता मानकर होती है पूजा

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मप्र के सागर में माता हरसिद्धि मंदिर के नाम से प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के नीचे पहाड़ी गुफाओं में सदियों से एक विशालकाय अजगर की मौजूदगी है। मंदिर कमेटी व इलाके के लोग इन्हें 'अजगर दादा' के नाम से पुकारते हैं। इनकी लंबाई करीब 40 फीट से अधिक बताई जाती है, जो दुनिया के सबसे विशालकाय सांप एनाकोंडा से भी अधिक है। मंदिर के नीचे बनी गुफाओं में कई दफा इन्हें देखा भी गया है। हालांकि इनकी पूरी लंबाई किसी ने नहीं देखी। यह भी सत्य है कि इस इलाके में बीते पांच सालों में 56 से अधिक अजगर पकड़े गए हैं, लेकिन आज तक सांपों से किसी इंसान या किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

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एनाकोंडा से बड़े 'अजगर दादा' देवी मंदिर के नीचे गुफाओं में इनका बसेरा, देवता मानकर होती है पूजा

बाघराज मंदिर की गुफाओं में लोग एक विशालकाय अजगर को सदियों से देखते आ रहे हैं

बाघराज मंदिर की गुफाओं में लोग एक विशालकाय अजगर को सदियों से देखते आ रहे हैं

मप्र के सागर में बाघराज मंदिर की गुफाओं में लोग एक विशालकाय अजगर को सदियों से देखते आ रहे हैं। पूरा स्वरुप किसी ने नहीं देखा, बावजूद इसके इनकी लंबाई 40 फीट से अधिक व मोटाई बड़े गोल पिलर से भी मोटी बताई जाती है। लोग इन अजगर दादा को देवता व सिद्ध संन्यासी मानकर पूजा करते हैं। बता दें कि दो दिन पहले यहां एक गुफा में अजगर दिखा था, लेकिन मुंह और शरीर का कुछ हिस्सा ही कैमरे में कैद हो सका। ताज्जुब तो इस बात का है कि बाघराज मंदिर परिसर में देखे जाने वाले इन अजगर दादा से लोगों को भय भी नहीं लगता। उनकी मौजूदगी में लोग उनकी पूजा करते हैं, अगरबत्ती लगाते हैं, लेकिन सांप से आज तक किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है।

एनाकोंडा सांप से भी ज्यादा लंबे, पिलर से भी मोटे 'अजगर दादा'

एनाकोंडा सांप से भी ज्यादा लंबे, पिलर से भी मोटे 'अजगर दादा'

दुनिया में सबसे विशालकाय एनाकोंडा प्रजाति के सांपों को माना जाता है, जिनकी लंबाई 30 से 35 फीट तक बताई जाती है। क्या एनाकोंडा से बड़ा सांप कहीं हो सकता है? मप्र के सागर में बाघराज नाम से प्रसिद्ध हरसिद्धि माता मंदिर के नीचे गुफाओं में 40 फीट से अधिक बड़े अजगर सांप की मौजूदगी बताई जाती है। किसी ने भी आज तक इनको पूरा नहीं देखा है। मंदिर से जुड़े बुजुर्ग बताते हैं कि सदियों से यहां जो अजगर मौजूद हैं, उन्हें अजगर दादा के नाम से पुकारा जाता है। वे देव या सिद्ध संन्यासी हैं जो अजगर के रुप में मंदिर के आसपास रहते हैं। हाल ही में यहां एक गुफा में विशालकाय अजगर को देखा गया था। हालांकि फोटो में सिर्फ उनका मुंह और शरीर का कुछ हिस्सा ही गुफा में नजर आ रहा था, अंदर उनकी लंबाई कितनी होगी किसी को नहीं पता। बता दें कि इन इलाके में जब-तब अजगर निकलते रहे हैं। 10 से 12 फीट लंबे ब्लैक कोबरा जोड़े में दिखना आम बात है।

 नवरात्र व त्योहारों पर एकबार जरुर बाहर निकलते हैं

नवरात्र व त्योहारों पर एकबार जरुर बाहर निकलते हैं

बाघराज मंदिर के पुजारी पुष्पेंद्र महाराज बताते हैं कि अजगर दादा का शरीर काफी विशाल है। वे शांत स्वभाव के हैं। कई पीढ़ियों से लोग उनके दर्शन करते आ रहे हैं। वे यहां के रक्षक हैं। हजारों लोग उनके दर्शन कर चुके हैं। आंवला नवमीं के दिन भी हरसिद्धि मंदिर के सामने पहाड़ी के नीचे गुफा में उन्होंने दर्शन दिए थे। वैसे नवरात्र के दौरान एकाध दिन वे जरुर दर्शन देते हैं। पुष्पेंद्र महाराज का दावा है कि उन्होंने स्वयं व कमेटी के पुराने लोगों ने उनके प्रत्यक्ष पूरे दर्शन किए हैं। मंदिर कमेटी से जुड़े रहे रामदास सोनी मम्मा बताते हैं कि उन्होंने करीब 30 साल पहले अजगर दादा के विशालकाय स्वरुप के साक्षत दर्शन किए थे। उनकी मूछें भी थी। पीछे वाली हनुमान मंदिर वाली पहाड़ी के नीचे एक विशाल गुफा बनी है, वहीं अंदर उनका स्थान हैं। अधिकांश दफा वहीं उनके दर्शन हुए हैं। शरीर बड़ा होने से वे सरपट नहीं चलते बल्कि धीरे-धीरे खिसकते हैं।

10 से 12 फीट लंबे ब्लैक कोबरा भी फर्श पर आ जाते हैं

10 से 12 फीट लंबे ब्लैक कोबरा भी फर्श पर आ जाते हैं

बाघराज मंदिर के पुजारी पुष्पेंद्र महाराज यहां करीब 30 साल से सेवा में हैं। उनके अनुसार यह पुराना सिद्ध क्षेत्र है। मंदिर परिसर में बीते साल निर्माण के दौरान बड़े-बड़े अजगर आकर पत्थरों पर बैठ जाते थे। कई दफा शाम को या रात के समय 10 से 12 फीट लंबे ब्लैक कोबरा, कभी-कभी जोड़े से भी यहां फर्श पर दर्शन देने आ जाते हैं। दुर्गा मंदिर के सामान की बंद पेटियों तक में सांप निकले हैं। पास ही स्थित मानस भवन के अंदर तक पहुंच जाते हैं। पुष्पेंद्र महाराज का दावा है कि आज तक सांपों ने किसी इंसान या अन्य प्राणी को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। एक बाद तो बड़े-बड़े अजगर वे खुद बोरे में बंद कर पहाड़ी के पीछे छोड़कर आए हैं।

 बाघराज मंदिर इलाके से अकील बाबा पकड़ चुके हैं करीब 56 से अधिक अजगर

बाघराज मंदिर इलाके से अकील बाबा पकड़ चुके हैं करीब 56 से अधिक अजगर

सागर के स्नेक कैचर अकील बाबा का दावा है कि बाघराज मंदिर व आसपास के इलाके को लाल पहाड़ी कहा जाता था। यहां की खोखली पहाड़ियों के नीचे अजगर प्रजाति के सांपों का प्राकृतिक आवास है। पास ही राजीव आवास कॉलोनी व अन्य बसाहट हो चुकी है। बीते 5 सालों में वे यहां से करीब 56 अजगर पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ चुके हैं। यहां से 8 फीट से लेकर 15 फीट तक के अजगर वे पकड़ चुके हैं। दो महीने पहले ही ज्ञानोदय छात्रावास से उन्होंने व बेटे असद से 12 फीट लंबा अजगर सांप पकड़ा था।

MP के सागर में देश के सबसे ऊंचे 'अटल’, अष्टधातु की 30 फीट प्रतिमा सागर पहुंची MP के सागर में देश के सबसे ऊंचे 'अटल’, अष्टधातु की 30 फीट प्रतिमा सागर पहुंची

English summary
A giant python has been present for centuries in the hill caves below the famous Durga temple in Sagar, MP, known as Mata Harsiddhi Temple. The temple committee and the people of the area call him as 'Ajgar Dada'. Their length is said to be more than 40 feet, which is more than the world's largest snake anaconda.
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