28 साल का युवा यूपी में मायावती के लिए बदले मुस्लिम वोटों का समीकरण
यूपी में मुस्लिम वोटों के लिए मायावती के पास 28 वर्ष का युवा साथ, प्रदेश में मुस्लिम वोटों का समीकरण बदलने में हो सकते हैं निर्णायक
लखनऊ। सपा में बढ़ती रार के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती मुसलमान वोटरों को अपनी ओर रिझाने की हर संभव कोशिश में जुटी हैं। बसपा की ओर मुस्लिम चेहरे के तौर पर अफजल सिद्दीकी ने अपने तेवर से साफ कर दिया है कि आने वाले समय में सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हम नहीं भूलेंगे लव जिहाद, गो हत्या के नाम पर पिटाई
सिद्दीकी ने कहा कि ना भूले हैं, ना भूलेंगे, आपको लव जिहाद, गो हत्या के नाम पर पीटा गया है। अब समय आ गया है कि हम सब एकजुट हो, यह लड़ाई हमारे अस्तित्व की है। समाजवादी पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया है, ऐसे में उनके साथ मत जाइए।
बसपा के मुस्लिम नेता सिद्दीकी ने चुनावी रैली में लोगों को मुजफ्फरनगर दंगा, दादरी, शामली सहित तमाम घटनाओं का जिक्र किया। अफजल सिद्दीकी बसपा के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे हैं।
सिद्दीकी ने कहा कि मुसलमान इस बात को नहीं भूले हैं कि सपा की सरकार में प्रदेश में कई दंगे हुए हैं और अब समय है कि सपा को सत्ता से बाहर किया जाए। सपा के भीतर मचे घमासान ने बसपा को मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी का बड़ा मौका दिया है। अफजल ने ना सिर्फ सपा बल्कि भाजपा पर भी जमकर हमला बोला।
प्रबंधन क्षमता से मायावती हैं प्रभावित
अफजल सिद्दीकी को 2012 के चुनाव के दौरान मायावती ने उन्हें उनकी रैलियों के आयोजन का जिम्मा सौंपा था। लेकिन पार्टी की स्थिति काफी खराब हो गई थी, लेकिन अफजल की प्रबंधन क्षमता ने मायावती को काफी प्रभावित किया था, लिहाजा उन्हें मायावती ने बड़े मौके देने शुरु किए।
पश्चिमी यूपी में समीकरण बदलने की कवायद
इस बार अफजल छह मंडलों में मुस्लिम समुदाय को बसपा की ओर लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, जिसमें आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली शामिल हैं। जिसमें प्रदेश की तकरीबन 140 सीटें आती है।
इन मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कई जगहों पर इनकी आबादी 70 फीसदी तक है, जहां पर बसपा अपनी पैठ को मजबूत करना चाहती है। पार्टी ने 125 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनमें से 50 फीसदी उम्मीदवार पश्चिमी यूपी से हैं। बिजनौर में जो 8 टिकट दिए गए हैं उनमें से 6 टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को दिए गए हैं, जबकि दो सीटें आरक्षित सीटें हैं
क्या नहीं पहुंचेगा कोई मुसलमान विधानसभा?
अफजल ने कहा कि बसपा ने 2009 में 5 मुस्लिम सांसदों को लोकसभा भेजा, लेकिन 2014 में एक भी मुस्लिम सांसद यूपी से नहीं गया। क्या आप चाहते हैं कि अगले साल विधानसभा में एक भी मुस्लिम नहीं पहुंचे।
मजबूत नेता बदलेगा तस्वीर
हज के लिए जो मुसलमान मदरसा में शिक्षक थे उन्हें मायावती के कार्यकाल में पेड लीव पर भेजा गया था लेकिन अखिलेश सरकार ने इस नीति को खत्म कर दिया। अफजल ने कहा कि मुस्लिम और सिख को देखिए उनके पास मजबूत नेता हैं जिसके चलते उनका ताकत काफी बढ़ी है।