मुलायम सिंह यादव के घर का 4 लाख रुपए बिजली बिल बकाया
बिजली विभाग के अधिकारियों ने 20 अप्रैल को पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के इटावा वाले घर का निरीक्षण किया और पाया कि घर में बिजली के तय वॉट से ज्यादा पावर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं और उनके फैसले की पूरे देश में प्रशंसा भी हो रही है। योगी आदित्यनाथ ने सूबे से वीआईपी कल्चर को खत्म करने पर भी पूरा जोर दे रखा है। सूबे के अधिकारी भी अब एक्शन मोड में दिख रहे हैं। यूपी पावर कार्पोरेशन के अधिकारियों ने 20 अप्रैल को पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के इटावा वाले घर का निरीक्षण किया और पाया कि घर में बिजली के तय वॉट से ज्यादा पावर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, घर के मीटर पर 5kW का लोड मान्य था लेकिन वहां उससे आठ गुना ज्यादा चलाया जा रहा था।वही बिजली विभाग के अधिकारियों ने पाया कि मुलायम सिंह के 4 लाख रुपए का बिल बकाया है। अधिकारियों ने मुलायम सिंह को महीने के अंत तक बकाया बिजली बिल को भरने का वक्त दिया है।
जिस घर में बिजली के ज्यादा इस्तेमाल का मामला सामने आया वह इटावा के सिविल लाइन्स इलाके में है। वह इलाके के सबसे बड़े घरों में से एक है। मुलायम सिंह यादव के उस घर में 12 से ज्यादा कमरे हैं, वहां निजी एयर कंडीशन प्लांट, एक तापमान नियंत्रित स्वीमिंग पूल और कुछ एलिवेटर भी हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने मुलायम सिंह के घर का अतिरिक्त बिजली आपूर्ति के एवज में कॉन्फिग्रेशन बदलकर 40KW कर दिया है।
यूपी में 24 घंटे बिजली देना प्राथमिकता
बिजली चोरी पर लगेगी लगाम केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा है कि सख्त निगरानी के जरिये बिजली चोरी को दूर करके उत्तर प्रदेश में विद्युत क्षेत्र को कुशल बनाया जा सकता है। पिछली समाजवादी पार्टी शासन के दौरान, उत्तर प्रदेश में बिजली संकट में भारी गिरावट आई थी। राज्य ऊर्जा की कमी वाले राज्यों में शीर्ष पर रहा, जबकि कुल भारत औसत 2.3 प्रतिशत के मुकाबले 11.6 प्रतिशत की कमी थी।पिछले विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिजली का एक बड़ा मुद्दा था। चुनावों के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24/7 बिजली का वादा किया था और कहा था कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को यूपी चुनाव परिणामों से बिजली का झटका लगेगा। जिसके बाद बीजेपी को करीब तीन दशकों में उत्तर प्रदेश में को सबसे बड़ा जनादेश मिला।