अयोध्या जाना और राम लला के दर्शन में काफी फर्क है
अयोध्या/अंकुर सिंह। बाबरी मस्जिद और राम जन्म भूमि के विवाद में आज भी यहां हर रोज आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के मन में एक टीस हमेशा रहती है और वह है राम लला के दर्शन नहीं हो पाना। सैकड़ों पुलिस, सुरक्षाकर्मी, बैरीकेडिंग, जांच के बीच एक अजीब से बंकर से होकर लोग राम लला के दर्शन करने को जाते हैं। घंटो लाइन में लगने और थकने के बाद जो सबसे बड़ी दिक्कत लोगों को आती है वह यह है कि कब राम लला के दर्शन हुए यह उन्हें पता ही नहीं चलता है।
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बड़ी संख्या में दर्शन करने जाते हैं बुजुर्ग
दरअसल जिस जगह पर राम लला विराजमान हैं वहा से काफी दूर पहले से ही लोगों की लंबी कतार लग जाती है। दर्शन करने वालों में बड़ी संख्या बुजुर्ग लोगों की होती है।
चंद सेकंड में खत्म हो जाता है दर्शन
जिस तरह से काफी लंबे समय के इंतजार के बाद वह मुख्य स्थल पर पहुंचते हैं जहा राम लला विराजमान हैं वहां सुरक्षाबल इन लोगों को चंद सेकंड भी ठहरने नहीं देते हैं। एक छोटी सी मूर्ती पर जब तक इन लोगों की नजर पड़ती है तब तक सुरक्षाकर्मी इन्हें धकेल कर आगे कर देते हैं।
आपको बताना पड़ेगा कब आयेंगे रामलला
वहां मौजूद होने पर जो अनुभव आप करेंगे वह काफी कुछ आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। जिस कतार में आप लगे हैं उसमें आपसे आगे लगी बुजुर्ग महिला जब आपसे यह पूछ कि बाबू रामलला के दर्शन कब होंगे तो आप जवाब देंगे अम्मा राम लला तो पीछे रह गये आपने देखा नहीं क्या। जी हां कुछ ऐसा ही हाल होता है यहां आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं का। खींचातानी और धक्कामुक्की का सामना के बाद एक अदद जब बुजुर्ग लोग राम लला के पास पहुंचते हैं तो उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं लग पाता है कि राम लला आ गये हैं और उनके दर्शन यहीं होने हैं।
विवादों के अंत का एक अदद इंतजार
बहरहाल अयोध्या को रामजन्मभूमि की पौराणिक मान्यता है जिसे मानते हुए यहां लोग भगवान राम की जन्मभूमि के दर्शन करने आते हैं, लेकिन तमाम सियासी वाद-विवादों के बीच इन्हें अगर कुछ मिलता है तो वह है दर्शन नहीं तिरस्कार।