बिना नेताजी से पूछे मेरे मंत्रालय छीने गए- शिवपाल यादव
लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद शिवपाल यादव ने तमाम मुद्दों पर मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि नेताजी जो भी जिम्मेदारी देंगे उसका निर्वहन करुंगा। इस मौके पर शिवपाल ने उनसे वापस लिए गए मंत्रालय पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी है।
सपा की पारिवारिक कलह के बीच उभरता ब्रांड अखिलेश
अमर सिंह पर बोले नेताजी का फैसला
अमर सिंह को पार्टी में आने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि नेताजी किसको पार्टी में रखेंगे या किसे निकालेंगे यह नेताजी का फैसला है और उनके फैसले को काटने की किसी की हैसियत नहीं है। शिवपाल सिंह ने कहा कि सबको जोड़ने से मजबूती मिलेगी और संगठन में मजबूती आएगी। जितने भी लोहियावादी हैं, समाजवादी हैं उन सबको जोड़ने से ही संगठन मजबूत होगा।
फैसले सोचकर लेना चाहिए
वहीं जब शिवपाल यादव से पूछा गया कि क्या अमर सिंह के इशारों पर फैसले लिए गए तो उन्होंने कहा कि सबकी बात समझनी चाहिए, दूसरों की बातों में इस तरह के फैसले नहीं लेने चाहिए। पार्टी में सब तरह के लोग होंगे, हमें सबसे काम लेना होता है पार्टी में। सभी एक ही तरह से बुद्धिमान नहीं होते हैं, ऐसा हो तो सब नेताजी और सब अखिलेश हो जाए। इस पूरे विवाद पर जब शिवपाल से पूछा गया कि इस फिल्म का स्क्रिप्ट राइटर कौन है तो उन्होंने कहा कि वक्त है।
नेताजी से पूछे बिना लिए गए मेरे मंत्रालय वापस
शिवपाल यादव ने उनसे तीनों अहम मंत्रालय वापस लिए जाने के सवाल पर कहा कि मुझे भी ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव ने नेताजी से पूछे बिना यह फैसला लिया है। लेकिन मुख्यमंत्री का यह अधिकार है कि वह कौन सा मंत्रालय किसे देना चाहते हैं या वापस लेना चाहते हैं।
अभी ध्यान सिर्फ चुनाव पर
शिवपाल सिंह यादव से जब पूछा गया कि क्या आपको अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार हैं तो उन्होंने कहा कि जोभी नेताजी का फैसला होगा हमें स्वीकार होगा। उन्होंने कहा कि अभी मेरा लक्ष्य सिर्फ बहुमत पर है। अगर नेताजी फैसला लेते हैं तो अखिलेश मुझे स्वीकार हैं।
नाम लिए बगैर अमर सिंह पर बरसे रामगोपाल यादव, बोले पार्टी को बर्बाद करने पर अमादा
हर कुर्बानी को तैयार
तीनों अहम मंत्रालय छीने जाने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि मैं हर कुर्बानी के लिए तैयार हूं। मैं बतौर संगठन का भी काम कर सकता हूं और मंत्रालय भी संभाल सकता हूं। मेरे पास दोनों काम साथ करने का लंबा अनुभव है। विभागों को लेना का फैसला मुख्यमंत्री का है, किस मंत्री को कहां रखे और कहां रखे यह मुख्यमंत्री का फैसला है।
मुख्यमंत्री पर सवाल नहीं खड़ा कर सकते
शिवपाल ने कहा कि किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री ने यह किया है उसपर हम कहीं भी कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगा सकते हैं। अब जो जिम्मेदारी मुझ संगठन की दी गई है यह मुझे स्वीकार किया है। शिवपाल ने कहा कि मैंने अपने विभागों में पूरा काम कर दिया है जो भी मुझे करना था। अब संगठन की जिम्मेदारी बड़ी है, हमें फिर से चुनाव में जाना है।