मौलाना से मिलें राजनाथ तो गरमा गई सियासत
आपको याद दिला दे कि हाल ही में यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी मुस्लिम धर्मगुरु से मुलाकात कर कांग्रेस के लिए समर्थन मांगा था, लेकिन उनकी मुलाकात के बाद उनके खिलाफ बयानबाजी कै दौर शुरु हो गया। अब एक बाद फिर से राजनाथ और मौलानाओं की मुलाकात ने यूपी का सियासी पारा चढ़ा दिया है।
मौलानाओं से राजनाथ सिंह की हुई मुलाकात को लेकर विरोधी दल हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी की मुलाकात को लेकर हाय-तौबा मचाते हुए चुनाव आयोग तक शिकायत कर आई भाजपा को अब अपने ही नेता की मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ मुलाकात को लेकर सफाई देनी पड़ रही है।
इस मुलाकात में राजनाथ ने भाजपा के घोषणापत्र में मुस्लिमों के कल्याण के लिए किए गए वादों से अवगत कराया। इस बैठक को लेकर कांग्रेस ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि इस मुलाकात से भाजपा के दोहरे चरित्र का उदाहरण मिलता है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से भाजपा नेता की यह मुलाकात सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की पुरजोर कोशिश है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी इसे हताशा और निराशा का परिचायक बताते हुए कहा कि भाजपा का चेहरा बेनकाब हुआ है।
गौरतलब है कि दो दिन के लिए चुनाव प्रचार की खातिर लखनऊ आए राजनाथ ने शिया धर्मगुरु व इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी और सुन्नी धर्मगुरु व ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से उनके घर जाकर मुलाकात की थी।