टीकरी बॉर्डर पर हुई एक और किसान की मौत, प्रियंका गांधी ने FB पर वीडियो शेयर कर मोदी सरकार से पूछी ये बात
टीकरी बॉर्डर पर हुई एक और किसान की मौत, प्रियंका गांधी ने FB पर वीडियो शेयर कर मोदी सरकार से पूछी ये बात
लखनऊ, 06 जुलाई: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सात महीनों से देश के अन्नदाता दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की दो लहर बीत गई और तीसरी लहर की आशंका है, लेकिन ये किसान अपनी जगह से टस से मस नहीं हो रहे है। तो वहीं, प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो गई है। सोमवार को भी टीकरी बॉर्डर पर जाते समय एक किसान की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। किसान की मौत पर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
किस
बात
का
अहंकार
लेकर
बैठी
है
सरकार:
प्रियंका
गांधी
उत्तर
प्रदेश
प्रभारी
प्रियंका
गांधी
ने
मंगलवार
छह
जुलाई
को
सोशल
मीडिया
साइट
फेसबुक
पर
एक
वीडियो
शेयर
किया
है।
वीडियो
शेयर
करते
हुए
लिखा,
'आज
टिकरी
बॉर्डर
पर
एक
और
किसान
शहीद
हो
गए।
आंदोलन
के
दौरान
200
से
ज्यादा
किसान
शहीद
हो
चुके
हैं।
लेकिन
पता
नहीं
सरकार
किस
बात
का
अहंकार
लेकर
बैठी
है
कि
इन
काले
कानूनों
को
रद्द
नहीं
कर
रही
है?
वादा
किया
था
किसानों
की
आय
दुगनी
कर
देंगे,
लेकिन
सरकार
ने
किसानों
पर
इन
काले
कानूनों
का
आक्रमण
कर
दिया।
जय
जवान,
जय
किसान
का
नारा
वाले
देश
में
आज
किसानों
को
तड़पा
रही
है
सरकार।
वीडियो
में
क्या
कहा
सोशल
मीडिया
साइट
फेसबुक
पर
शेयर
किए
गए
वीडियो
में
प्रियंका
गांधी
ने
कहा,
'जो
जवान
इस
देश
की
सीमा
को
सुरक्षित
रखता
है,
वह
जवान
किसान
का
बेटा
है।
उस
जवान
का
आदर
करना
चाहिए..किसान
का
आदर
करना
चाहिए।
जब
महीनों
से
संघर्ष
चला
आ
रहा
है..वहीं
देशवासी
जिसने
प्रधानमंत्री
को
सत्ता
दी।
जिसने
उन्हें
प्रधानमंत्री
बनाया,
उन्हें
समझ
में
नहीं
आ
रहा
है
कि
उनकी
सुनवाई
होनी
चाहिए।
प्यार
से
बातचीत
होनी
चाहिए।
वो
कहते
है
ये
कानून
आपके
लिए
बना
है...किसानों
के
लिए
बना
है।
तो
क्या
वो
बता
सकते
है
कि
किसी
कानून,
किस
किसान
ने
बनाया
है।
किस
किसान
से
बात
की।
अगर
पूरे
देश
भर
का
किसान
कह
रहा
है
कि
प्रधानमंत्री
जी
हम
ये
आपका
कानून
हमें
नहीं,
चाहिए
वापस
ले
लीजिए
इसको।
तो
वो
इस
कानून
को
वापस
क्यों
नहीं
ले
रहे।
इस
रद्द
क्यों
नहीं
कर
रहे
है।
जब
तक
कृषि
कानून
रद्द
नहीं
होता,
किसान
वापस
नहीं
लौटेगें
कृषि
कानून
को
लेकर
किसानों
और
सरकार
के
बीच
विवाद
है
और
पिछले
7
महीनों
में
करीब
11
चरण
में
बातचीत
हुई,
लेकिन
अब
तक
सरकार
और
किसानों
के
बीच
सहमति
नहीं
बन
पाई
है।
हालात
ये
हैं
कि
पिछले
पांच
महीनों
से
किसानों
और
सरकार
के
बीच
बातचीत
बिल्कुल
बंद
हैं।
इस
बीच
भारतीय
किसान
यूनियन
के
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
और
किसान
नेता
राकेश
टिकैत
ने
कहा,
'उनकी
मांगें
स्पष्ट
है
और
बिना
अपनी
मांगों
को
पूरा
किए
वो
घर
वापसी
नहीं
करेंगे।
उन्होंने
सीधे-सीधे
शब्दों
में
कहा
कि
जब
तक
इस
कृषि
कानून
की
वापसी
नहीं
हो
जाती
वो
घर
नहीं
लौटेगें।'