लखनऊ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

यूपी की राजनीति में गायत्री प्रजापति का उदय, एक साल में तीन बार शपथ

Google Oneindia News

लखनऊ। यूपी के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है। उनपर करोड़ो रुपए के भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है और व लोकायुक्त की जांच के दायरे में भी हैं। अवैध खनन के मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का भी आदेश दिया है जिसमें गायत्री प्रजापति भी आरोपों के घेरे में है।

मायावती के घर में भाजपा की सेंध, 4 बसपा विधायक कमल के साथ

How Gayatri Prajapati rises in Samajwadi party and becomes cabinet minister

25 लाख रुपए का फंड देकर छुआ था मुलायम सिंह का पैर

2011 में आगरा में सपा की एक रैली के दौरान रामगोपाल यादव ने ऐलान किया था कि गायत्री प्रजापति ने पार्टी को 25 लाख रुपए दान दिए हैं। उस वक्त गायत्री प्रजापति ने मुलायम सिंह यादव के पैर छूकर मंच से नीचे आ गए थे। लेकिन किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह राजनीति के भी शौकीन है और 1993 से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कभी जीत नहीं सके।

लेकिन अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के बीच गायत्री प्रजापति राजनीति में बड़े नेताओं के संपर्क में आए सरकार के टॉप मंत्रियों में भी शामिल हुए। इस दौरान उनपपर तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगे। अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर ने गायत्री प्रजापति पर कई आरोप लगाए और उनके खिलाफ यूपी लोकायुक्त को शिकायत भी दी।

लगातार हार के बाद अमिता सिंह को हराया

2012 में गायत्री प्रजापति ने सपा की सीट पर अमेठी के चुनाव में कूदे और राज्य सभा सांसद संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह को हराया। इससे पहले प्रजापति 1993, 96 और 2002 में यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन हर बार हार का सामना किया था।

एक घंटे के भीतर दो कैबिनेट मंत्रियों की अखिलेश ने की छुट्टी

लग्जरी होटल में प्रेस कांफ्रेंस करके आए थे चर्चा में

सपा को इस बात का अंदाजा नहीं था कि गायत्री प्रजापति यहां से जीत सकते हैं लेकिन जीत हासिल कर गायत्री प्रजापति ने पार्टी में अपनी जगह पक्की की। इस जीत के बाद गायत्री प्रजापति ने एक लग्जरी होटल में व्यक्तिगत प्रेस कांफ्रेंस बुलाई यही नहीं उन्होंने अपने लिए पीआर एजेंसी भी हायर की।

गायत्री प्रजापति ने इस दौरान अपनी पीआर से कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में रिपोर्टर से ज्यादा फोटोग्राफर आने चाहिए। उस वक्त वरिष्ठ सपा नेता राम आसरे भी वहां मौजूद थे लेकिन जिस तरह से फोटोग्राफर गायत्री प्रजापति की तस्वीर लेने के लिए आतुर थे वह यह देखकर आश्चर्यचकित थे।

इसी दिन गायत्री प्रजापति ने इस बात की घोषणा की कि वह अमेठी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। इस दौरान गायत्री प्रजापति की मुलायम सिंह यादव से करीबी बढ़ती गई, सपा पारंपरिक रूप से राहुल और सोनिया के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारती थी।

एक साल में तीन बार ली शपथ

2013 से 14 के बीच अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और तीनों बार गायत्री प्रजापति ने शपथ ली। पहले फरवरी 2013 में राज्य मंत्री बने और फिर 2014 में उन्हें खनन मंत्री बनाया गया। गायत्री प्रजापति एकलौते ऐसे नेता थे जिन्होंने तीनों बार शपथ ली हो। वह महज दो सालों के भीतर तेजी से उंचाइयों पर बढ़ते गए। यही नहीं पार्टी के भीतर भी इस बात की चर्चा होने लगी थी कि वह कितना जल्द बड़े नेताओं के करीबी बन गए हैं।

अति पिछड़ों की राजनीति में दिखाया दम

सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव जोकि अक्सर अपने लखनऊ के दौरे में नेताओं से मिलने से मना कर देते थे उन्होंने गायत्री प्रजापति के प्रस्ताव को स्वीकार किया। गायत्री प्रजापति को एक विशाल कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। इस कार्यक्रम में 17 अति पिछड़ी जाति के लोगों ने शिरकत की जिसमें प्रजापति जाति के लोग भी शामिल थे।

यह पहला ऐसा मौका था दब कार्यक्रम को एलईडी स्क्रीन पर भी दिखाया जा रहा था। पार्टी कार्यालय के लॉन में बरसात के बीच भी बड़ी संख्या में लोग आए और गायत्री प्रजापति ने कई लोकलुभावन बातें अपने भाषण में कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐ मेरे पिछड़े गरीबों, कमजोरों, मजदूरों, उठा जागो वक्त आ गया है।

मुलायम सिंह ने मुहैया कराया था हेलीकॉप्टर

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह यादव ने गायत्री प्रजापति को चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराया। हालांकि पार्टी 2014 में बुरी तरह से हार गई लेकिन गायत्री प्रजापति बावजूद इसके पार्टी के स्टार प्रचारक बने रहे।

लोकायुक्त में हैं शिकायतें

गायत्री प्रजापति के खिलाफ पांच शिकायतें लोकायुक्त को की गई। जिसमें से तीन शिकायतों को वापस ले लिया गया। लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने इस शिकायत के आधार पर कई लोगों को तलब किया जिन्होंने गायत्री प्रजापति के नाम पर कई बेनामी जमीन पर कब्जा किया था। लेकिन इनमें से आठ लोगों ने कहा कि उन्होंने यह संपत्ति अपने धन से खरीदी है।

बीपीएल कार्ड से करोड़पति बने गायत्री

आपको बता दें कि गायत्री प्रजापति को 2013 में कोयला मंत्री बनाया गया था, जिसके बाद उनकी संपत्ति में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही। आज उनके पास बीएमडब्ल्यू, जैसी तमाम महंगी गाड़ियों समेत काफी संपत्ति है। 2002 में अमेठी के परसावा गांव से उन्हें बीपीएल कार्ड जारी किया गया था। लेकिन 2012 में उन्हें एपीएल कार्ड जारी किया गया।

करोड़ों की संपत्ति है गायत्री के पास

2012 में गायत्री प्रजापति के पास 1.81 करोड़ रुपए थे। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने जो शिकायत लोकायुक्त को दी है उसमें उन्होंने कहा है कि गायत्री प्रजापति के पास 942.5 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

Comments
English summary
How Gayatri Prajapati rises in Samajwadi party and becomes cabinet minister. He never won election till 2012 but SP changed his destiny.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X