लखनऊ: कोविड ने छीनी एक ही परिवार के 8 लोगों की जिंदगी, अब बच्चों की मदद के लिए आगे आई सीडब्लूसी
लखनऊ: कोविड ने छीनी एक ही परिवार के 8 लोगों की जिंदगी, अब बच्चों की मदद के लिए आगे आई सीडब्लूसी
लखनऊ, जून 03: कोविड महामारी ने हंसते-खेलते परिवार उजड़ गए तो वहीं इस वायरस ने लाखों जिंदगियां छीन ली। ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ से सामने आया है, जहां कोरोना की दूसरी लहर में 22 दिनों के अंदर एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में परिवार के 4 भाई, 2 बहनें और दो माताएं हैं। सात मौतें कोरोना संक्रमण से और एक बुजुर्ग की मौत हार्ट अटैक से हुई है। परिवार ने बीते सोमवार को एक साथ अपने घर के 5 लोगों की तेरहवीं की। तो वहीं, इस दुखद घटना के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ढाई साल की अनन्या की मदद करने के लिए आगे आई है।
बख्शी का तालाब इलाके में स्थित इमलिया पूर्वा गांव में 22 दिनों के अंदर रूपरानी (82), मिथिलेश कुमारी (54), कमला देवी (80), निरंकार (48), विनोद कुमार (60), विजय कुमार (58), शैल कुमारी (52) और सत्य प्रकाश (34) की मौत हो गई। तो वहीं, एक-एक कर परिवार के आठ सदस्यों को खो चुके ओमकार सिंह यादव ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया। ओमकार सिंह यादव बताते हैं कि सभी लोगों को बुखार था, फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक भाई निरंकार यादव को चंद्रिका देवी मंदिर के पास स्थित राम सागर मिश्र अस्पताल में भर्ती कराया था, क्योंकि वहीं पर ऑक्सीजन था। इधर, घर पर मां कमला देवी की हालत बिगड़ रही थी। मां का देहांत सुबह हुआ और भाई का दोपहर में तीन बजे। एक दिन में दो अर्थी घर से उठीं।
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सीडब्ल्यूसी की सदस्य संगीत शर्मा ने कहा, 'हम परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेंगे। क्योंकि, अनन्या के पिता की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई थी। इसलिए सरकार द्वारा घोषित आर्थिक सहायत प्रदान की जाएंगी। हम निरंकार के बेटे अभिषेक की शिक्षा के लिए भी एक केंद्रीय योजना के माध्यम से धन प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। ओंकार ने निरंकार के छोटे बेटे करण के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की।