जानिए किनती संपत्ति के मालिक हैं बसपा विधायक उमा शंकर सिंह, मायावती ने बनाया विधानमंडल दल का नेता
लखनऊ, 26 नवंबर: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट से बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के इस्तीफे के बाद मायावती ने उमाशंकर सिंह को बसपा विधानमंडल दल नेता बनाया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में उमा शंकर सिंह के नाम का ऐलान किया। उमाशंकर सिंह बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा के विधायक हैं।
कौन हैं उमाशंकर सिंह?
बलिया के रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से उमाशंकर सिंह 2012 के बाद 2017 में मोदी लहर में भी चुनाव जीते थे। उमाशंकर सिंह ने रसड़ा विधानसभा क्षेत्र को फ्री वाई-फाई सेवा दिलाई थी। उमाशंकर सिंह को शुक्रवार को विधानमंडल दल का नेता घोषित करने के बाद बसपा मुखिया मायावती ने उनको बधाई भी दी है। बसपा सु्प्रीमो ने शुक्रवार को मीडिया में जारी बयान में कहा, ''मैं आपको यह बताना चाहती हूं कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ विधायक उमाशंकर सिंह को बीएसपी विधानमंडल दल का नेता बना दिया गया है। इनको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।''
कितनी संपत्ति के मालिक हैं बसपा विधायक उमाशंकर सिंह
एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के विधायकों की कुंडली जारी की थी। इसमें विधायकों की सम्पत्ति, शिक्षा, उनके आपराधिक रिकॉर्ड आदि का डेटा है। इन डेटा के मुताबिक, अधिक संपत्ति वाले यूपी के टॉप 10 विधायकों में बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह का नाम नौवें नंबर पर दर्ज है। यही नहीं, उमाशंकर सिंह आयकर विवरण में सबसे ज्यादा वार्षिक आय घोषित करने वाले विधायकों में शीर्ष पर हैं। उमाशंकर सिंह के पास 40 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है।
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यूपी की सियायत में बदलाव का दौर जारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सियासत में बदलाव का दौर जारी है। एक ओर राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन हो रहा तो दूसरी ओर कई दिग्गज नेता अलविदा कहकर पार्टी को झटके पर झटके दे रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस और मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। अदिति सिंह ने बीजेपी ज्वॉइन कर कांग्रेस को झटका दिया तो वंदना सिंह ने भी भाजपा का दामन थाम कर बसपा को बड़ा झटका दिया। बसपा को सबसे बड़ा झटका शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के इस्तीफे को माना जा रहा है।
शाह आलम ने मायावती पर लगाया अनदेखी का आरोप
बसपा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने गुरुवार को विधानसभा सदस्य के साथ ही पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया था। आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को मायावती ने इसी साल जून में पार्टी के विधानमंडल दल का नेता बनाया था। शाह आलम ने आजमगढ़ के मुबारकपुर से 2012 और 2017 में विधानसभा का चुनाव जीता है। बसपा ने शाह आलम को 2014 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मैदान में उतारा था। शाह आलम को मायावती का बेहद करीबी माना जाता था। शाह आलम ने मायावती को भेजे इस्तीफे में लिखा है, भारी मन से विधानसभा सदस्य और बसपा के हर पद से इस्तीफा दे रहा हूं। 2012 से पार्टी के प्रति निष्ठावान रहा और पार्टी की तरफ से मिली हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी, लेकिन लगता है मेरी उपेक्षा की जा रही है। ऐसे में अब आगे साथ रहने की कोई वजह नहीं है।
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