किसानों के समर्थन में उतरीं मायावती, केंद्र से की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग
लखनऊ, 23 जुलाई: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का केंद्र दिल्ली का जंतर मंतर बन गया है। आंदोलनकारी किसानों ने यहां अपनी 'किसान संसद' लगाई है। इस बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने किसानों को अपना खुलकर समर्थन देते हुए सरकार से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। मायावती ने शुक्रवार की सुबह इस संबंध में ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकारों को संवेदनशील और हमदर्द होना चाहिए।
चालू सत्र में ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करे केंद्र: मायावती
मायावती ने ट्वीट में लिखा, ''किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी ना होकर बल्कि संवेदनशील व हमदर्द होना चाहिए। किन्तु दुख यह है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से किसान यहां आंदोलित है अब ये जंतरमंतर पर किसान संसद लगाए हैं। केंद्र चालू सत्र में ही इनको रद्द करें। बीएसपी की यह मांग।''
दिल्ली के जंतर मंतर पर 'किसान संसद'
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तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का केंद्र दिल्ली का जंतर मंतर बन गया है। आंदोलनकारी किसानों ने यहां अपनी 'किसान संसद' लगाई है। गुरुवार को जंतर मंतर पर 'किसान संसद' में किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत कुल 200 लोग शामिल हुए। किसानों की यह संसद रोज सुबह 11 बजे शुरू होगी और शाम 5 बजे तक चलेगी। शुक्रवार की सुबह 11 बजे फिर 200 किसान जंतर-मंतर आएंगे। दरअसल, दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को 9 अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी है।
मीनाक्षी लेखी ने किया आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल
बता दें, इससे पहले केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को किसानों पर आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया।उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोग किसान नहीं, मवाली हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान संसद में शामिल हुए किसानों के बारे में कहा कि उन पर ध्यान देना चाहिए, वे आपराधिक गतिविधियां कर रहे हैं। जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मनाक था। उसमें विपक्ष की ओर से ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।