अजान पर विवाद: समर्थन में उतरे अयोध्या के संत, मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा- कुलपति वापस लें अपनी शिकायत
लखनऊ। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की ओर से अजान को लेकर जिलाधिकारी को की गई शिकायत का मामला अब तूल पकड़ रहा है। इस मामले में दोनों धर्मों के लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने इस शिकायत का विरोध किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कुलपति को अपनी शिकायत वापस लेनी चाहिए। उधर, अयोध्या के संतों ने कुलपति को अपना समर्थन दिया है। संतों ने कहा कि जिस पूजा या इबादत से दूसरे को समस्या हो, वह मान्य नहीं होती।

मौलाना सैफ अब्बास ने कहा, 'अजान दो से तीन मिनट की होती है। ज्यादा से ज्यादा पांच मिनट, अगर उन्होंने सुबह की आरती और कीर्तन को लेकर भी शिकायत की होती तो मसला समझ में आता, लेकिन सिर्फ अजान को लेकर शिकायत पत्र देना ठीक नहीं है। वह भी एक यूनिवर्सिटी में उच्च पद पर बैठे अधिकारी द्वारा। मेरी गुजारिश है कि वह अपनी शिकायत वापस ले लें।' सुन्नी धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने कहा, 'मस्जिदों में अजान होती है तो मंदिरों में आरती भी होती है। जिस शहर से कुलपति आती हैं, वहां बड़ा कुंभ होता है, पूरे महीने लाउडस्पीकर की आवाजें उठती हैं। सड़कें भी बंद होती हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी। कांवर यात्रा निकलती है। होली का मौका होता है तो सड़कें भी बंद होती हैं। लाउडस्पीकर भी बजते हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी और न ही आपत्ति की। मुझे लगता है कि यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है जो नहीं होना चाहिए।'
अयोध्या के संतों ने किया कुलपति की शिकायत का समर्थन
अयोध्या में सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कुलपति संगीता श्रीवास्तव की शिकायत का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी पूजा या आराधना से किसी को कष्ट हो तो वह पूजा और आराधना व्यर्थ होती है। किसी भी धर्म, संप्रदाय का व्यक्ति हो, अगर पूजा और आराधना की जा रही है तो बिना लाउडस्पीकर के भी किया जा सकता है। लाउडस्पीकर चलाकर आजान और पूजन किया जाए यह मानने योग्य नहीं है। बिना लाउडस्पीकर के भी हमारी पूजा अल्लाह हो या भगवान स्वीकार करते है। हमारे पूजा या अजान से किसी व्यक्ति को कष्ट हो रहा है तो हमको उस बात को मानना चाहिए, उसमें किसी भी प्रकार का कोई अवरोध प्रकट नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना लाउडस्पीकर के अजान की जा सकती है और करना भी चाहिए। दूसरे संप्रदाय के लोग निराकार को मानते हैं और जिसका कोई आकार ना हो उसके पूजन में लाउडस्पीकर का कोई भी औचित्य नहीं है। लाउडस्पीकर निश्चित तौर पर बंद किया जाना चाहिए।
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