अखिलेश यादव ने 25 किलोमीटर साइकिल चलाई
सैफई। उत्तर प्रदेश के सैफई कस्बे में चल रहे 17वें रणवीर सिंह स्मृति 'सैफई महोत्सव' में मंगलवार को 28 किलोमीटर लंबी साइकिल मैराथन हुई। इटावा शहर के बाहरी इलाके में यमुना के किनारे स्थित लॉयन सफारी से शुरू हुई साइकिल मैराथन सैफई में जाकर खत्म हुई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी 25 किलोमीटर साइकिल चलाई। 'साइकिल' सत्तारूढ़ दल का चुनावचिह्न् भी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता प्रो रामगोपाल यादव ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल मैराथन को रवाना किया।
साइकिल मैराथन में भाग लेने वाले स्वप्निल शर्मा की साइकिल का पैडल बीच रास्ते में ही टूट गया, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
विषम परिस्थितियों में साइकिल चलाकर स्वप्निल ने अपना सपना सच कर लिया और पहला स्थान हासिल किया। पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश ने साइकिल मैराथन के विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि साइकिल को गरीबों की सवारी कहा जाता है। साइकिल में बहुत गुण हैं। साइकिल को चलाने में पेट्रोल-डीजल नहीं लगता है। इंसान अपनी मेहनत से साइकिल चलाता है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने खुद इटावा के सेंट मेरी स्कूल से सैफई तक 25 किलोमीटर साइकिल चलाई।
प्रो. राम गोपाल यादव ने प्रतिभागियों से कहा कि मेहनत करने वालों को ही सफलता मिलती है। जो कड़ी मेहनत और लगन से आगे बढ़ता है वही मंजिल तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि सैफई महोत्सव में इस बार ज्यादा खेलों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले खिलाड़ियों को आगे लाकर उनकी प्रतिभा को देश-दुनिया के सामने लाना है।
प्रो. यादव ने कहा कि गांवों में रहने वाले लड़के सैफई महोत्सव में होने वाली साइकिल मैराथन का सालभर इंतजार करते हैं। इस प्रतियोगिता को जीतने लिए वे कठिन अभ्यास करते हैं। वे रोजना सुबह चार बजे उठकर 40 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। इस मौके पर मौजूद प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता मंत्री शिवपाल यादव ने कहा, "हम प्रयास करेंगे कि साइकिल मैराथन में पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान हासिल करने वालों को सरकारी नौकरी मिल जाए।"