'इस बार बहेलिए को चिड़िया ले उड़ी', Twitter के ऑफिस में छापेमारी पर अखिलेश यादव ने कहा
'इस बार बहेलिए को चिड़िया ले उड़ी', Twitter के ऑफिस में छापेमारी पर अखिलेश यादव ने कहा
लखनऊ, मई 25: टूल किट विवाद के बाद सोमवार 24 मई को दिल्ली पुलिस ट्विटर के ऑफिस पहुंची। ट्विटर के ऑफिस पर छापेमारी के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने लिखा, 'भाजपाई अपने ही बिछाये झूठ के जाल में फंस गये हैं। ये भूल गये हर कोई दाना नहीं चुगता। इस बार बहेलिए को चिड़िया ले उड़ी।' इससे पहले कांग्रस ने भी छापेमारी को लेकर भाजपा पर हमला किया है। कांग्रेस ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म को धमकाने की कार्रवाई बताया।
'इस
बार
बहेलिए
को
चिड़िया
ले
उड़ी'
समाजवादी
पार्टी
के
अध्यक्ष
व
यूपी
के
पूर्व
सीएम
अखिलेश
यादव
ने
ट्विटर
ऑफिस
पर
छापेमारी
के
बाद
ट्वीट
किया
है।
अखिलेश
यादव
ने
लिखा,
'ट्विटर
के
दिल्ली
व
गुरुग्राम
के
ऑफिस
पर
छापा
मरवाना
भाजपा
सरकार
की
गिरती
हुई
वैश्विक
छवि
को
और
नीचे
गिरायेगा।
ये
एक
अलोकतांत्रिक
व
घोर
निंदनीय
कृत्य
है।
भाजपाई
अपने
ही
बिछाये
झूठ
के
जाल
में
फंस
गए
हैं।
ये
भूल
गये
हर
कोई
दाना
नहीं
चुगता।
इस
बार
बहेलिए
को
चिड़िया
ले
उड़ी।'
क्या
है
पूरा
मामला
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
सोमवार
24
मई
को
दिल्ली
पुलिस
की
स्पेशल
सेल
की
टीमों
ने
राष्ट्रीय
राजधानी
दिल्ली
और
गुरुग्राम
स्थित
ट्विटर
इंडिया
के
दफ्तर
पहुंची।
टीम
के
अधिकारियों
ने
टूलकिट
मामले
में
ट्विटर
के
दफ्तरों
पर
छापेमारी
की।
ये
छापेमारी
दिल्ली
के
लाडो
सराय
और
गुरुग्राम
में
स्थित
दफ्तरों
में
हुई।
हालांकि,
केंद्र
सरकार
की
तरफ
से
कहा
गया
कि
दिल्ली
पुलिस,
दिए
गए
नोटिस
को
लेकर
ट्विटर
ऑफिस
पहुंची
थी।
यह
रुटीन
विजिट
था।
नोटिस
देने
के
लिए
कौन
है
सही
व्यक्ति
दिल्ली
पुलिस
के
जन
संपर्क
अधिकारी
चिन्मय
बिस्वाल
ने
बताया
कि
दिल्ली
पुलिस
की
टीमें
सामान्य
प्रक्रिया
के
तहत
ट्विटर
इंडिया
को
नोटिस
देने
के
लिए
उसके
दफ्तरों
में
गयी
थीं।
इसकी
जरूरत
इसलिए
पड़ी
क्योंकि
वे
जानना
चाहते
थे
कि
नोटिस
देने
के
लिए
सही
व्यक्ति
कौन
है
क्योंकि
ट्विटर
इंडिया
के
एमडी
की
ओर
से
मिला
जवाब
बिलकुल
सटीक
नहीं
था।