लखनऊ: युवती को बंधक बनाकर गैंगरेप, एक महीने बाद दर्ज हुई FIR, दो गिरफ्तार
लखनऊ। हाथरस मामले को लेकर व्याप्त आक्रोश के बीच यूपी की राजधानी लखनऊ में एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। दलित युवती को नौकरी के नाम पर बुलाकर उसे नशीला पदार्थ खिलाकर दो युवकों ने 8 दिनों तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया। विरोध करने पर पिटाई की। आरोप है कि जब पीड़िता आरोपितों की शिकायत करने थाने गई तो वहां से उसे भगा दिया गया। इस पर उसने मुख्यमंत्री, महिला आयोग समेत उच्च अधिकारियों से शिकायत की। करीब 1 महीने बाद गुडंबा पुलिस ने दो नामजद और तीन अन्य तीन चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रेप, मारपीट, बंधक बनाने, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस ममले में एसीपी गाजीपुर योगेश कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत मिलते ही रिपोर्ट दर्ज कर दो आरोपियों विपिन और शकील को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
गुडंबा इलाके के एक गांव के किसान की 19 वर्षीय बेटी के मुताबिक, गांव के ही विपिन सिंह ने उसे 23 अगस्त को नौकरी के लिए अपने घर बुलाया था। वह अपने मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेकर घर पहुंची थी। वहां गांव के शकील व तीन चार अज्ञात युवक पहले से मौजूद थे। आरोपियों ने 3-4 सादे कागज व स्टैम्प पर उससे हस्ताक्षर करवाकर शैक्षिक प्रमाण पत्र ले लिए और उसे एक मकान में बंधक बना लिया। आरोप है कि खाने में नशीला पदार्थ देकर विपिन व शकील उसके साथ जबरदस्ती करते ।थे विरोध करने पर मारपीट की जाती थी। कुछ दिन खोजबीन करने के बाद पिता ने गढ़ी चौकी में शिकायत की। दबाव बढ़ने पर 31 अगस्त को आरोपित उसे सेंट मैरी अस्पताल के पास छोड़कर भाग गए।
दरोगा ने तहरीर वापस लेने का बनाया दबाव
पीड़िता के मुताबिक, आरोपियों की शिकायत करने वह माता-पिता और मौसी के साथ गढ़ी चौकी गई वहां चौकी इंचार्ज ने बेटी मिल जाने पर तहरीर वापस लेने व कार्यवाही नहीं करने की बात कहकर पीड़िता के पिता से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और आरोपियों को बुलाने की बात कह कर उसे रात 9:00 बजे तक चौकी पर बैठाए रखा।
आरोपितों ने पीड़िता की बहनों को धमकाया, कपड़े फाड़े
पीड़िता ने बताया कि विपिन रात को जब शराब के नशे में उसके घर पहुंचा और उसकी बहनों से बदतमीजी करने लगा। उसने तहरीर वापस लेने पर उनके साथ भी रेप करने की बात कही। धमकाने के दौरान उसने लड़कियों के कपड़े फाड़ दिए और जातिसूचक गालियां दी। मदद के लिए शोर मचाने पर पड़ोसियों को आता देख वह जान से मारने की धमकी देकर भाग निकला।
तहरीर देने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
पीड़ित पिता का आरोप है कि 3 दिसंबर सितंबर को उसने थाने में तहरीर दी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद डीसीपी उत्तरी शालिनी सिंह, एडीसीपी उत्तरी राजेश कुमार श्रीवास्तव, एसीपी गाजीपुर, महिला आयोग सहित अन्य उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया। करीब एक माह तक अधिकारियों और पुलिस के चक्कर लगाने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं इंस्पेक्टर गुडंबा रीतेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष कभी शिकायत लेकर थाने नहीं आया।
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