Kota Children Deaths : डिप्टी सीएम सचिन पायलट-चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा आमने-सामने, जानिए वजह
कोटा। राजस्थान में जेके लोन अस्पताल कोटा में बच्चों की मौत को लेकर राजस्थान सरकार के दो कद्दावर मंत्री आमने-सामने हैं। एक ओर डिप्टी सीएम सचिन पायलट हैं और दूसरी ओर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा हैं। दोनों नेताओं के बीच विवाद की नौबत यहां तक पहुंच गई है कि अब जारी जुबानी जंग लिखित आदेश जारी करने तक आ गई है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोमवार को पीडब्ल्यूडी विभाग का एक आदेश जारी कराया तो मंगलवार को चिकित्सा विभाग ने उसके जवाब में एक नया आदेश जारी कर दिया।
यूं शुरू हुआ पायलट-शर्मा का विवाद
दरअसल, पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब सौ से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट कोटा अस्पताल का दौरा करने गए थे। इस दौरान पायलट ने कहा कि बच्चों की मौत साधारण घटना नहीं है। इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इसके बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना पीडब्ल्यूडी पर लापरवाही का आरोप लगाया था। डिप्टी सीएम सचिन पायलट के पास पीडब्ल्यूडी की भी जिम्मेदारी है।
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जवाबदेही की बात से आया राजनीतिक बवंडर
बच्चों की मौत पर चौतरफा गिरी गहलोत सरकार के मंत्रियों में अब जिम्मेदारी की जंग सुर्खियों में है। कोटा से लेकर जोधपुर और बीकानेर से लेकर उदयपुर तक बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान का शायद ही ऐसा कोई बड़ा अस्पताल होगा, जहां दिसंबर महीने में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत नहीं हुई हो। बात जब जिम्मेदारी की आई तो सरकार से लेकर हुक्मराम तक, सब चुप हो गए। कोटा के दौरे पर गए डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जब जवाबदेही तय करने की बात कही तो राजनीतिक बवंडर मच गया।
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पायलट कर रहे थे एक तीर से दो शिकार
डिप्टी सीएम सचिन पायलट के निशाने पर सीधे-सीधे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा थे। अपनी ही सरकार की कमियों को उजागर कर पायलट एक तीर से दो शिकार कर रहे थे। पायलट के इस बयान पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने पलटवार किया और पूछा कि अस्पताल की मेंटिनेंस का काम तो पीडब्ल्यूडी का होता है। फिर उसकी जवाबदेही क्यों ना तय हो।
कभी रघु शर्मा के लिए पायलट ने छोड़ी सीट
सचिन पायलट और रघु शर्मा के रिश्ते इससे पहले कभी इतने तल्खी भरे नहीं रहे। साल 2018 में जब अजमेर लोकसभा सीट पर उप चुनाव हुआ था तो सचिन पायलट ने अपनी परंपरागत सीट रघु शर्मा के लिए छोड़ दी थी और उनके पक्ष में जमकर प्रचार भी किया था जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस ने अजमेर लोकसभा सीट बीजेपी से छीन ली।
गहलोत खेमे के निकले रघु शर्मा
उसी साल विधानसभा चुनाव हुए। दोनों नेताओं ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 लड़ा। दोनों जीते भी। उसके बाद कांग्रेस में सीएम पद को लेकर गोलबंदी होने लगी। जिसमें पायलट नाकाम हुए, जिन्हें पायलट अपने खेमे का समझ रहे थे वो गहलोत के फेवरेट निकले। लिहाजा, कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को फिर से सीएम बना दिया। रघु शर्मा को चिकित्सा विभाग मिला जबकि पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया और साथ में पीडब्ल्यू की भी जिम्मेदारी दी गई। हालांकि पायलट की मंशा सीएम बनने की थी, जो पूरी नहीं हो सकी।