नारदा केस में गिरफ्तार किए गए टीएमसी नेता मदन मित्रा, सोवन चटर्जी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में किया गया भर्ती
नारदा स्टिंग टेप केस में सोमवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया।
कोलकाता, 18 मई। नारदा स्टिंग टेप केस में सोमवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी को सांस लेने में हो रही तकलीफ की शिकायत के बाद मंगलवार तड़के 3 बजे एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न प्रखंड में भर्ती किया गया। दोनों नेताओं की देर रात तबीयत बिगड़ गई थी।
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बता दें कि नारदा स्टिंग केस में टीएमसी के नेता सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के घर पर सोमवार को सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसके बाद सीबीआई चारों को अपने साथ दफ्तर ले गई और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी पर ममता हुईं आग बबूला
टीएमसी के नेताओं की गिरफ्तारी का बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कड़ा विरोध किया है। चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी खुद सीबीआई के दफ्तर पहुंचीं। वह वहां कई घंटे तक रही। इस दौरान उन्होंने सीबीआई से कहा कि आप बिना नोटिस के हमारे नेताओं को गिरफ्तार नहीं कर सकते और यदि आप ऐसा करते हैं तो मुझे भी गिरफ्तार करो। हालांकि सीबीआई ने ममता बनर्जी की एक न सुनी और चारों को कोर्ट मे पेश कर दिया।
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कलकत्ता
हाई
कोर्ट
ने
जमानत
पर
लगाई
रोक
गिरफ्तारी
के
7
घंटे
के
अंदर
चारों
नेताओं
को
सीबीआई
की
विशेष
अदालत
ने
जमानत
दे
दी,
लेकिन
कलकत्ता
हाई
कोर्ट
ने
सीबीआई
की
विशेष
अदालत
के
आदेश
पर
रोक
लगा
दी।
बता
दें
कि
विशेष
अदालत
से
जमानत
मिलने
के
बाद
सीबीआई
ने
हाई
कोर्ट
का
दरवाजा
खटखटाया
था।
हाई
कोर्ट
ने
जमानत
पर
रोक
लगाते
हुए
कहा
कि
चारों
नेताओं
को
जेल
में
हिरासत
में
रखा
जाएगा।
क्या
था
नारदा
स्टिंग
केस
बता
दें
कि
साल
2016
में
पश्चिम
बंगाल
चुनावों
से
पहले
सार्वजनिक
किए
गए
नारदा
स्टिंग
टेप
को
2014
में
शूट
किए
जाने
का
दावा
किया
गया
था।
टेप
में
टीएमसी
के
कई
नेताओं
को
कथित
तौर
पर
एक
काल्पनिक
कंपनियों
के
प्रतिनिधियों
से
पैसे
लेते
हुए
देखा
गया
था।
इस
स्टिंग
को
नारदा
न्यूज
पोर्टल
के
एक
पत्रकार
ने
किया
था।
मामला
सामने
आने
के
बाद
कलकत्ता
हाईकोर्ट
ने
साल
2017
में
इस
मामले
की
जांच
सीबीआई
से
कराने
का
आदेश
दिया
था।