पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने 'निजी कारणों' का हवाला देते हुए दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मंगलवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।
कोलकाता, 14 सितंबर। पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मंगलवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।
जगदीप धनखड़ ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 165 के अनुसार, श्री किशोर दत्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य के महाधिवक्ता के रूप में प्रस्तुत त्यागपत्र को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है। दत्ता को 2017 में यह पद संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी।
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वह बंगाल के चौथे महाधिवक्ता है, जिन्होंने ममता बनर्जी के शासन के दौरान इस पद से इस्तीफा दिया है। 2011 में टीएमसी सरकार के सत्ता में आने के बाद महाधिवक्ता का पद संभालने वाले अनिंद्य मित्रा पहले व्यक्ति थे। उनके बाद बिमल चटर्जी और जयंत मित्रा को भी यह जिम्मेदारी दी गई थी।
दत्ता
ने
राज्यपाल
धनखड़
को
लिखे
पत्र
में
कहा,
मैं
व्यक्तिगत
कारणों
से
तत्काल
प्रभाव
से
पश्चिम
बंगाल
के
महाधिवक्ता
के
पद
से
इस्तीफा
दे
रहा
हूं।
कृपया
इसे
स्वीकार
करें।
पश्चिम
बंगाल
राज्य
के
लिए
काम
करने
का
अनुभव
शानदार
रहा।
इसकी
एक
प्रति
पश्चिम
बंगाल
के
मुख्य
सचिव
और
कानून
एवं
न्याय
विभाग
के
प्रभारी
मंत्री
को
भी
भेजी
गई
है।
हाल
ही
के
दिनों
में
किशोर
दत्ता
पश्चिम
बंगाल
सरकार
के
खिलाफ
कलकत्ता
हाईकोर्ट
में
विभिन्न
हाई
प्रोफाइल
मामलों
में
शामिल
रहे
हैं,
जिसमें
चुनाव
के
बाद
हुई
हिंसा,
नारदा
घोटाला
(जिसमें
टीएमसी
के
चार
प्रमुख
नेताओं
को
सीबीआई
ने
गिरफ्तार
किया
था),
साथ
ही
टीएमसी
विधायक
मुकुल
रॉय
की
पीएसी
की
अध्यक्षाता
को
चुनौती
देना
शामिल
है।