ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे कानपुर के अस्पताल, हर घंटे 10-12 सिलेंडर की जरूरत
कानपुर, अप्रैल 28: उत्तर प्रदेश में एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में कहीं भी ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है, वहीं दूसरी ओर राज्य के अलग-अलग जनपदों में ऑक्सीजन की कमी खबरें सामने आ रही हैं। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा से लेकर मेरठ, सब जगह ऑक्सीजन के लिए तड़पते मरीज दिख जाएंगे। कानपुर नगर में स्थित उर्सला अस्पताल भी ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहा है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अनिल निगम ने बताया कि उन्हें हर घंटे 10 से 12 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है। निगम का कहना है अस्पताल को गुरुवार तक ऑक्सीजन प्लांट मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि सिलेंडर मिलने में 15 मिनट की देरी भी दिक्कत बढ़ा सकती है।
अनिल निगम ने कहा कि तकनीकी रूप से, उर्सला अस्पताल कोविड डेडिकेटेड फैसीलिटी नहीं है, लेकिन लेकिन सोमवार दोपहर तक यहां 35 कोविड मरीज थे। अधिकारियों का कहना है कि लोग अस्पताल के होल्डिंग एरिया में आते हैं, उनका टेस्ट पॉजिटिव आता है और वह कोविड बेड के अभाव में कहीं नहीं जा पा रहे। उन्होंने बताया कि अस्पताल के सात-आठ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जबकि एक स्टाफ नर्स ने रविवार को वायरस के कारण दम तोड़ दिया। चिकित्सा अधीक्षक एके शर्मा ने बताया कि दो से तीन मरीज हर वक्त भर्ती होने के लिए खड़े रहते हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते उन्हें मजबूरन लोगों को दूसरे अस्पताल भेजना पड़ता है।
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कानपुर के हैलट अस्पताल में वेटिंग एरिया में कोरोना के मरीजों के लिए आठ वॉर्ड बनाए गए हैं। एकमात्र डॉक्टर यहां पर 16 घंटे की ड्यूटी कर सभी वॉर्डों के मरीजों को देखते हैं। पहचान उजागर न करने की शर्त पर डॉक्टर ने बताया, 'हमारे पास करीब 80 मरीज हैं, इनमें 8-9 कोरोना पॉजिटिव हैं, बाकी लोगों में लक्षण पाए गए हैं, उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।' उन्होंने कहा कि सेंट्रलाइज सिस्टम होने की वजह से यहां ऑक्सीजन की ऐसी कोई समस्या नहीं है। हालांकि, बेडों की कमी की वजह से एक बेड पर दो मरीजों को लेटाया जा रहा है।