तलाक लेने पहुंचे 'भाई-बहन' को पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन बनाकर भेजा घर, थाने में 7 साल बाद दुबारा हुई शादी
जोधपुर, 11 जून। राजस्थान के जोधपुर जिले में दईजर महिला पुलिस थाने में शुक्रवार को शादी का शामियाना सजा। यहां एक नहीं दो-दो शादियां हुईं। बाहर बैंड-बाजों के साथ नाचते-गाते बाराती थे... तो अंदर घराती बने पुलिसकर्मी व बारात को निहारती दुल्हनें। बारातें पुलिस थाने के द्वार पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने स्वागत किया।
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पुलिस थाने में समधी-समधन गले मिले
जोधपुर के महिला पुलिस थाने में समधी-समधन गले मिले। दुल्हे-दुल्हनों ने पुष्पवर्षा के बीच वरमालाएं पहनाई। मंत्रोच्चार के बीच मंडप पर अग्नि के समक्ष 7 फेरे लिए। पुलिसकर्मियों ने कन्यादान किया। फिर आशीर्वाद देकर विदा किया। इन दोनों ही जोड़ों का यह 7 साल बाद पुनर्विवाह था।
दो परिवारों ने वर्ष 2015 में अपनी बेटियां ब्याही
दरअसल, अरटिया खुर्द और देवातड़ा के दो परिवारों ने वर्ष 2015 में एक-दूसरे के घरों में अपनी-अपनी बेटियां ब्याही। यानी देवातड़ा के गिरधारीराम की शादी अरटिया खुर्द के जीवनराम की बेटी ऊषा के साथ हुई। वहीं ऊषा के भाई विशनाराम की शादी गिरधारीराम की बहन धारू के साथ की गई। इस हिसाब से भाई-बहन की शादी टूटने की नौबत आ गई थी। तलाक लेने पुलिस थाने तक पहुंच गए।
झगड़ों से दोनों परिवारों में दूरियां आ गई
कुछ समय बाद पारिवारिक झगड़ों से दोनों परिवारों में दूरियां आ गई। एक साल पहले ऊषा व धारू अपने-अपने पीहर लौट गईं। डेढ़ माह पहले दोनों परिवारों ने भोपालगढ़ थाने में दहेज प्रताड़ना के परस्पर मामले दर्ज करवा दिए। जांच महिला पुलिस थाना ग्रामीण की सीआई रेणु के पास आई।
सीआई रेणु की मेहनत रंग लाई
सीआई रेणु ने लगातार दोनों परिवारों व दंपतियों से समझाइश की थी। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई।, दोनों परिवार फिर एक होने को राजी हो गए। इस फैसले से खुश पुलिस ने थाने में दोनों जोड़ों की दुबारा शादी की पेशकश की, जिसे मान लिया गया।