Ramdevra Mela 2019 : सिर पर सौ-सौ KG की बोरी रखकर 184 KM दूर पैदल जाएंगे पाक विस्थापित
जोधपुर। भादूड़े री बीज नै जब चंदो करे उजास, रामदेव बण आयसूं राखिजै विश्वास...घणी-घणी खम्मा, बाबा रामापीर ने, एक दो तीन चार चलो बाबे के दरबार....एक तेरा नाम सब नामों से प्यारा है, बाबा तो हमारा है...ऐसे ही भजन, गीत और जयकारे इन दिनों शहर के कोने-कोने में सुनाई दे रहे हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों से बाबा से जातरू जोधपुर होते हुए रामदेवरा के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण के पास स्थित रामदेवरा में लोकदेवता रामसा पीर का वार्षिक मेला 1 सितम्बर 2019 से शुरू हो रहा है। रामदेवरा में हर साल भरने वाला यह मेला इस 14 सितम्बर तक चलेगा।
रामदेवजी के मेले को लेकर जोधपुर शहर पूरी तरह से बाबामयी हो चुका है। मसूरिया स्थित पहाड़ी पर बाबा रामदेव के मंदिर में दर्शन करने के लिए पाक विस्थापितों की टोली अलग ही अंदाज में पहुंची। बड़ी संख्या में पाक विस्थापित सौ-सौ किलोग्राम की चावल की दो बोरियों को सिर पर लाद कर बाबा के जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंचे।
इन लोगों ने बताया कि बाबा के भंडारे लिए एक बोरी चावल इस मंदिर में चढ़ाया जाएगा। वहीं, दूसरे 100 किलो के बोरे को सिर पर लादकर करीब 184 किलोमीटर दूर रामदेवरा लेकर जाएंगे। आस्था की नौका पर सवार बाबा के जातरुओं की श्रद्धा रामापीर मेले के सागर में हिलौर मार रही है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, चेन्नई, उत्तर प्रदेश और बिहार आदि राज्यों से बाबा के भक्त जोधपुर पहुंच रहे हैं।
भक्त आजरदास ने बताया कि मसूरिया बाबा के दर्शन कर श्रद्धालु रामदेवरा के लिए निकल रहे हैं। बाबा के भक्त अपनी मन्नत पूरी होने और कई कामनाओं से रामदेव के दर्शन करने आ रहे हैं। बाबा रामदेव को लोक देवता माना गया है।लोक मान्यता के अनुसार बाबा ने अपने चमत्कारों से मारवाड़ में भक्ति परंपरा को आगे बढ़ाया। जगह-जगह पर हो रहा है स्वागत देस के विभिन्न हिस्सों से बाबा के भक्त पैदल आने के अलावा विभिन्न वाहनों पर सवार होकर पहुंच रहे है। इन भक्तों का स्वागत करने के लिए जोधपुर के लोगों ने पलक पावड़े बिछा रखे है।