Jodhpur : सुरक्षाकर्मियों की आंखों में मिर्ची झोंक कर फलौदी जेल से फरार हुए 16 बंदी, CCTV फुटेज वायरल
जोधपुर। राजस्थान की जेलों में बंदियों के पास मोबाइल और अन्य संदिग्ध चीजें मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच राजस्थान के जोधपुर जिले की फलौदी उप कारागार से 16 बंदी फरार हो गए। जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों की आंखों में मिर्ची झाेंककर भागे हैं। फलौदी जेल से 16 विचाराधीन बंदियों के एक साथ फरार हो जाने की घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी गई। जिस पर पूरे जिले में नाकाबंदी की गई। जोधपुर की सीमाएं सील की गई, मगर फरार बंदियों का कोई सुराग नहीं लगा।

जेल के बाहर स्कार्पियो व बोलेरो कैंपर गाड़ी
पूरे मामले में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें जेल के बाहर स्कार्पियो व बोलेरो कैंपर गाड़ी नजर आ रही है। फरार बंदी इन्हीं गाड़ियों में बैठकर भागते दिखे हैं। ऐसे में आशंका है कि पूरी योजना के अनुसार बंदियों ने फलौदी उप कारागृह की सुरक्षा को तोड़कर भागे हैं। फलोदी में कचहरी परिसर स्थित उप कारागृह से सोमवार रात 8 बजे एक साथ 16 बंदी फरार हो गए। दिन में बंदी बैरकों के आगे खुली जगह में थे। शाम बाद इन्हें बैरक में डाला जा रहा था।

हत्या के आरोपी भी शामिल
इसी दौरान अंदर से बंदियों ने गेट का ताला खोल रहे कांस्टेबल, पास खड़े कार्यवाहक जेलर व एक सिपाही को धक्का दिया और बाहर भाग वहां खड़े सिपाही की आंखों में मिर्ची और सब्जी का घोल फेंक दिया। फिर आगे तैनात महिला गार्ड को उठाकर दूसरी ओर फेंक फरार हो गए। जोधपुर एसपी ग्रामीण अनिल क्याल ने बताया कि फलौदी उप जेल से 16 बंदी फरार हुए हैं। इनमें हत्या के चार, हत्या के प्रयास के दो, मादक पदार्थों की तस्करी के नौ और वन अधिनियम के तहत पकड़ा आरोपी शामिल है।

जोधपुर जेल से फरार होने वाले बंदी
1. सुखदेव पुत्र रामू राम
2. शौकत अली पुत्र नूर मोहम्मद
3. अशोक पुत्र जेताराम
4. प्रदीप पुत्र बलवंता राम
5. राजकुमार पुत्र महेंद्र राम
6. जगदीश पुत्र विशनाराम
7. प्रेम पुत्र रामरखा
8. अनिल पुत्र शंकरलाल
9. श्रवण पुत्र सुखराम
10.मोहन राम पुत्र बगडूराम
11. शंकर पुत्र भागीरथ राम
12. मुकेश पुत्र भगवाना राम
13. शिवप्रताप पुत्र बगडूराम
14. हनुमान पुत्र तुलछाराम
15. श्यामलाल पुत्र मदनलाल
16 . महेंद्र पुत्र पप्पूराम

क्षमता से अधिक थे बंदी
बता दें कि जोधपुर जिले की फलोदी उप कारागृह में क्षमता से अधिक बंदी थे। यहां की क्षमता सिर्फ 17 बंदी हैं जबकि सोमवार को जेल में 60 बंदी थे। फलौदी जेल के लिए जेलर सहित 16 का स्वीकृत स्टाफ है, लेकिन नियुक्त 9 ही हैं। 3 मार्च काे जेलर निलंबित होने से यह पद भी रिक्त है। वारदात के समय 4 कर्मचारी ही थे जबकि 5 अवकाश पर बताए गए हैं। जेल की सुरक्षा के लिए अलग से स्टाफ की व्यवस्था नहीं है।

सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत की आशंका
जेल तोड़कर बंदी भाग जाने के पूरे मामले में सुरक्षाकर्मियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। घटना के तुरंत बाद सिपाही मदनपाल (वर्दी में) और राजेंद्र गोदारा (टी शर्ट में) चोटिल महिला सिपाही के पास खड़े थे। तब दोनों के कपड़े सही थे, लेकिन आधे घंटे बाद जब ये दोनों जब अफसरों को बयान दे रहे थे, तब इनके कपड़े फटे हुए थे। इन्होंने बंदियों के साथ धक्का-मुक्की होने की बात कही।
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