हरियाणा: 2016 में हुए आरक्षण के बवाल में जेल गए लोगों को छुड़ाने के लिए जाट महासभा ने दी और बड़े आंदोलन की धमकी
जींद। हरियाणा में वर्ष 2006 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा और रेप की घटनाओं के आरोप में जेल भेजे गए लोगों को छुड़ाने के लिए अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ने फिर से बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। महासभा ने प्रदेश सरकार से कहा है कि जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा किया जाए, इसके लिए एक महीने का 'अल्टीमेटम' दिया जाता है। यदि सरकार हमारे लोगों को नहीं छोड़ती है तो हरियाणा में और बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
जजपा
पर
घोषणा
पत्र
के
वादों
को
पूरा
करने
का
दवाब
जाट
महासभा
से
जुड़े
पदाधिकारियों
की
ओर
से
जाटों
को
आरक्षण
देने
और
सरकार
के
अपने
चुनावी
घोषणा
पत्र
को
जल्द
लागू
किए
जाने
दवाब
भी
बनाया
जा
रहा
है।
इसे
लेकर
महासभा
ने
जींद
में
सम्मेलन
के
बाद
विरोध-प्रदर्शन
भी
किया।
जिसमें
मांगों
का
ज्ञापन
जींद
के
बीडीपीओ
धर्मबीर
खर्ब
को
सौंपा
गया।
81
केसों
में
कुल
173
लोग
गिरफ्तार
हुए
थे
जाटों
का
मामला
हाईकोर्ट
पहुंचने
पर
स्पेशल
इनवेस्टीगेशन
टीम
(एसआईटी)
की
ओर
से
जांच
बैठाई
गई।
हिंसा
और
रेप
की
वारदातों
के
बाद
कोर्ट
को
पता
चला
कि
रोहतक
में
दर्ज
हुए
1205
मामलों
में
से
921
मामलों
में
रिपोर्ट
तैयार
की
गई
हैं।
184
मामलों
में
रिपोर्ट
तैयार
ही
नहीं
की
गई।
81
केसों
में
कुल
173
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
गया
था।
हाईकोर्ट
ने
अप्रैल
2018
में
प्रदेश
सरकार
से
पूछा
भी
था
कि
कितने
केस
वापस
लिए
जा
रहे
हैं।
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