जम्मू कश्मीर में सरेंडर करने वाले माजिद पर पुलिस का बयान- उस पर कोई केस नहीं चलेगा
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग क्षेत्र के रहने वाले 20 साल के फुटबॉलर माजिद खान ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद सेना और जम्मू पुलिस के साथ माजिद को मीडिया के सामने लाया गया। मीडिया से बात करते हुए मेजर जनरल बीएस राजू ने कहा है, 'हम माजिद के बहादुर फैसले का सम्मान करते हैं। हम उन्हें बधाई देते हैं और वादा करते हैं कि ये जल्द ही अपनी नॉर्मल लाइफ जीने लगेगा।'
माजिद पर नहीं चलेगा केस
वहीं जम्मू-कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान ने भी माजिद के फैसले का सम्मान किया। साथ ही इस बात की घोषणा भी की कि माजिद पर पुलिस केस नहीं चलेगा।बता दें तीन दिन पहले ही माजिद खान के आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ज्वाइन करने की बात सामने आई थी। इस खबरे के माजिद का पूरा परिवार सदमें में थे। माजिद की मां ने अपने बेटे के नाम एक भावुक संदेश भी दिया था।
कुलगाम एनकाउंटर में शामिल था माजिद
माजिद के लश्कर में जाने क सबसे पहली जानकारी कुलगाम एनकाउंटर के दौरान मिली। अनंतनाग का रहने वाला माजिद कुछ दिनों पहले घर से गायब हो गया था। उसके परिवार वाले उसकी तलाश कर ही रहे थे कि इस बीच मंगलवार को खबर आई कि कुलगाम में सुरक्षाबलों ने कुछ आतंकियों को घेर लिया है और इसमें माजिद खान भी शामिल है। माजिद के पिता को जब बेटे के आतंकी बनने की खबर मिली तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। हालांकि माजिद कुलगाम एकाउंटर में बचकर वहां से भागने से सफल रहा था।
एक बेहतरीन गोलकीपर है माजिद खान
इस एनकाउंटर के बाद माजिद खान की एक फोटो सामने आई थी जिसमें वो एके-47 बंदूक पकड़े हुए दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर के जरिए ही ये पता चल पाया कि माजिद अब लश्कर का सदस्य बन गया है। मिली जानकारी के मुताबिक माजिद काफी मेधावी छात्र रहा है। 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी उसके काफी अच्छे अंक आए। माजिद को बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक था। वह अनंतनाग के फुटबॉल क्लब का सदस्य था। उसके साथियों को कहना है कि वो एक बेहतरीन गोलकीपर है।
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