दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में नया सवेरा ! Dooru Village 75 साल में पहली बार बिजली से रोशन हुआ
भारत को आजाद हुए भले ही 75 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ऐसा ही इलाका है जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में डुरू गांव। इस गांव के लोगों को 75 साल बाद बिजली नसीब हुई है।
Dooru Village उस गांव का नाम है जो सात दशक से अधिक समय तक बिजली से महरूम रहा। जम्मू कश्मीर का नाम आते ही यूं तो दहशतगर्दी और अशांति की आशंकाएं कौंधने लगती हैं, लेकिन इस बार कहानी अलग है। ऐसे समय में जब भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, कहना गलत नहीं होगा कि सही मायने में डुरू गांव के लोगों ने अंधकार से प्रकाश की तरफ सफर पूरा किया है और अमृत महोत्सव के कालखंड में तमसो मा अमृतं गमय का सूक्त चरितार्थ हुआ है। जानिए क्या है दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में छोटे से गांव डुरू की कहानी। कैसे पहली बार मिली बिजली और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया क्या है ?
पहली बार दूधिया रौशनी में नहाया गांव
दरअसल, पिछले तीन साल से अधिक समय में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन बढ़ा है। इसी का प्रमाण है दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दूरस्थ और पहाड़ी गांव डुरू। ग्रामीणों के लिए खुशी का क्षण इसलिए है क्योंकि आजादी के बाद पहली बार गांव में बिजली पहुंची है। श्रीनगर से लगभग 90 किमी दूर टेथन गांव में लगभग 35-40 परिवार रहते हैं। अधिकांश लोग गुज्जर और बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इन लोगों के घर-आंगन पहली बार बिजली की दूधिया रोशनी से जगमगा रहे हैं।
लकड़ी जलाकर बनाते थे खाना
ग्रामीणों में खुशी का माहौल बताते हुए स्थानीय निवासी मुश्ताक अहमद ने कहा, अब हमारे घर बिजली के बल्बों से जगमगाते हैं। बिजली नहीं रहने के कारण हमें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। खाना पकाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करना मजबूरी बन गई थी। घरों को रोशन करने के लिए लोग मोमबत्तियां और दीयों का इस्तेमाल करते थे।
मोबाइल की बैटरी चार्ज करने दुर्गम इलाकों में जाना
मुश्ताक ने बताया कि उन्हें सर्दियों के मौसम में मोबाइल की बैटरी चार्ज करने जैसी बुनियादी सुविधा का भी अभाव रहा। समस्या और विकराल इसलिए भी हो जाती थी क्योंकि गांव में भारी बर्फबारी के कारण आवागमन प्रभावित होता है। उन्होंने बताया, अगर अपने प्रियजनों से संपर्क साधने के लिए मोबाइल चार्ज करने की जरूरत आई, तो बर्फ से लदी सड़कों पर कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती थी।
2019 में PM ने कार्यक्रम शुरू किया
रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम "हर घर बिजली योजना" के तहत गांव का विद्युतीकरण किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में की थी। पूरे गांव के विद्युतीकरण के लिए टेथन गांव में 63 केवी का ट्रांसफार्मर, 38 एचटी पोल और 57 एलटी पोल लगाए गए हैं। पीडीडी अनंतनाग के तकनीकी अधिकारी फैयाज अहमद सोफी ने कहा कि गांव में नेटवर्किंग की प्रक्रिया 2022 में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, हमें हाई-टेंशन लाइन के टैपिंग में परेशानी होती है। हालांकि, सभी अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने भी वास्तव में कड़ी मेहनत कर विद्युतीकरण को पूरा किया है।
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तीन साल में अंजाम तक पहुंचा आगाज
सहायक कार्यकारी अभियंता पीडीडी डूरू, मोहम्मद इकबाल ने कहा कि टेथन बस्ती में बिजली सप्लाई बहुत कठिन काम इसलिए भी था क्योंकि यह एक पहाड़ी गांव है। मुख्य सड़क से गांव तक पांच-छह मजदूरों को एक खंभा घसीट कर ले जाना पड़ता था और खंभा लगाना भी बहुत कठिन काम था। इकबाल ने कहा, "हालांकि, कड़ी मेहनत रंग लाई है और गांव में बिजली पहुंच गई है।" एक अन्य स्थानीय फजल दीन अहमद ने कहा, 'अब हमारे बच्चे रोशनी में पढ़ेंगे और अच्छा प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।'