J&K: 7 साल का रिकॉर्ड टूटा, नागरिकों को निशाना बनाने के बावजूद नवंबर में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे कश्मीर
श्रीनगर, 1 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर में आतंकवादियों ने जिस तरह से नागरिकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया था, उसके बाद आशंका थी कि इससे सर्दियों में यहां आने वाले सैलानियों पर काफी असर पड़ेगा। लेकिन, पर्यटकों के जज्बे ने दहशतगर्दों को मुंहतोड़ जवाब दिया है और बीते नवंबर महीने में कश्मीर में इतने ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं, जितने आर्टिकल 370 खत्म होने से पहले वाले साल में भी नहीं आए थे। इससे लग रहा है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर आम लोगों में एक भरोसे की भावना पैदा हुई है और वह देश-विरोधी ताकतों के मंसूबे को कामयाब होने देने के लिए तैयार नहीं हैं।
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नवंबर में 1.27 लाख से ज्यादा पर्यटक कश्मीर पहुंचे
इस साल अक्टूबर के महीने में आतंकियों ने कश्मीर घाटी में चुन-चुनकर हिंदुओं, सिखों या देश के दूसरे भागों से वहां रोजी-रोटी कमाने पहुंचे गरीब नागरिकों की निर्मम हत्याएं की थीं। उनका एकमात्र मकसद आम लोगों में दहशत कायम करना था। लेकिन, अच्छी खबर ये है कि इसके बावजूद नवंबर में कश्मीर आने वाले सैलानियों का सात साल का रिकॉर्ड टूट गया है। जम्मू और कश्मीर सरकार के अधिकारियों के मुताबिक नवंबर में जितने पर्यटक कश्मीर घूमने पहुंचे हैं, वह ना सिर्फ इस साल के बाकी महीनों में सबसे ज्यादा है, बल्कि पिछले सात साल में इस महीने कभी इतने पर्यटक यहां नहीं आए थे। पिछले महीने 1.27 लाख से ज्यादा पर्यटक कश्मीर पहुंचे हैं, जो बीते वर्षों में सबसे अधिक है।
सात वर्षों में नवंबर महीने का टूटा रिकॉर्ड
जम्मू और कश्मीर सरकार के सूत्रों ने जो आंकड़े दिए हैं, उसके मुताबिक नवंबर 2021 में पिछले साल से 6,327 और 2019 से 12,086 अधिक पर्यटक कश्मीर घूमने गए हैं। यहां गौर करने वाली बात है कि आर्टिकल 370 की समाप्ति से पहले वाले साल यानी 2018 के नवंबर से भी यह आंकड़ा सिर्फ 33,720 पर्यटकों का ही था। 2017 में 1.12 लाख, 2016 में 23,569 और 2015 में 64,778 पर्यटक नवंबर में कश्मीर गए थे।
अक्टूबर महीने में 37 आतंकी घटनाएं हुईं- गृह मंत्रालय
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के हिसाब से इस साल 21 नवंबर तक कश्मीर घाटी में 200 आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से अकेले अक्टूबर में 37 हुई थीं, जो कि पिछले एक साल में सबसे ज्यादा है। इस साल अगस्त में भी कश्मीर में 36 आतंकी वारदातें हुई थीं। लेकिन, जब सरकार ने देखा कि आतंकी कश्मीरी हिंदुओं, सिखों और गरीब मजदूरों की हत्या करके आम नागरिकों में दहशत फैलाने की कोशिश करना चाहते हैं तो जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता के लिए सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनाती करके कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने की कोशिश की है।
पुष्कर त्योहार के लिए झेलम और सिंध के संगम पर पहुंचे तीर्थयात्री
सिर्फ पर्यटक ही नहीं तीर्थ यात्रियों के मन में भी आतंकियों का खौफ नहीं दिख रहा है। मंगलवार (30 नवंबर, 2021) को ही सेंट्रल कश्मीर के गांदरबल जिले में पुष्कर त्योहार मनाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री शादीपुरा गांव पहुंचे थे। ये तीर्थ यात्री ऐसे समय में पुष्कर त्योहार मनाने के लिए पवित्र झेलम और सिंध नदी के संगम पर जुटे थे, जब न्यूनतम तापान शून्य से भी नीचे गिर गया था। लेकिन, भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं नजर आई।
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टारगेट किलिंग में शामिल कम से कम 10 आतंकी ढेर
एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घाटी में अक्टूबर के महीने में नागरिकों की टारगेट किलिंग में शामिल कम से कम 10 आतंकी अबतक सुरक्षा बलों के हाथों ढेर हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि ये सारे दहशतगर्द इसी साल अलग-अलग आतंकी संगठनों में भर्ती हुए थे और इनके सफाए की कामयाबी के पीछे स्थानीय लोगों का बहुत बड़ा सहयोग माना जा रहा है, जिन्होंने उनकी पुख्ता सूचना सुरक्षा एजेंसियों को उपलब्ध करवाई हैं। शायद यही वजह है कि लोगों में विश्वास का माहौल कायम हुआ है और वह धरती के स्वर्ग का आनंद लेने के लिए सर्दी में भी इतनी तादाद में पहुंचे हैं।