Congress की नई संचालन समिति में सचिन पायलट को किया गया किनारे, जानिए पूरा मामला
Congress के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा गठित कांग्रेस संचालन कमेटी से राजस्थान में गहलोत पायलट का विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। कमेटी में राजस्थान से जिन नेताओं को शामिल किया गया है। वे सभी अशोक गहलोत समर्थक नेता माने जाते हैं। जबकि इस संचालन समिति में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की पूरी तरह से किनाराकशी की गई है।
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कांग्रेस में अशोक गहलोत का दबदबा कायम
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सियासत में जादूगर के नाम से मशहूर है। पिछले दिनों राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस में दबदबा कायम है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम के दौरान भी अशोक गहलोत बड़े कद में नजर आए। वही मलिकार्जुन खड़गे की नियुक्ति के बाद गठित पहली कांग्रेस संचालन समिति में अशोक गहलोत समर्थक नेताओं को तरजीह दी गई। राजस्थान से भंवर जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रघु शर्मा और रघुवीर मीणा को संचालन समिति में शामिल किया गया है। यह सभी नेता गहलोत समर्थक माने जाते हैं।
राजस्थान में खुद को बाजीगर के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रदेश में खुद को बाजीगर के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। पायलट बार-बार राजस्थान में सरकार रिपीट होने का जिक्र करते हैं। पायलट दावा करते हैं कि इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। इस बात को दोहरा कर पायलट खुद को बाजीगर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। पायलट तर्क भी देते हैं कि बाजी पलटने की क्षमता उन्हीं में हैं। साल 2018 में मोदी लहर में भी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बाजी जीतते हुए उन्होंने 100 से ज्यादा सीटें जिता कर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाई थी।
प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बावजूद सक्रिय है पायलट
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर ली थी। तब पायलट को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। बावजूद इसके सचिन पायलट राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर लगातार सक्रिय हैं। राजस्थान में उन्हें अशोक गहलोत के विकल्प के तौर पर देखा जाता है। सचिन पायलट अपनी गतिविधियों से कांग्रेस हाईकमान के सामने बतौर बाजीगर एक नया नैरेटिव स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।