Rajasthan: प्रदेश में 24 राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, कभी भी जारी हो सकती है सूची
जयपुर, 10 अगस्त। गहलोत सरकार चुनावी साल से पहले बची हुई राजनीतिक नियुक्तियां करने की तैयारी में है। इस साल 2 फेज में ज्यादातर बोर्ड निगमों में नियुक्तियों के बाद अब अकादमियों और यूआईटी में चेयरमैन और मेंबर की नियुक्तियां होनी है। उनकी लिस्ट बन चुकी है। केवल आदेश जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश के 24 नेताओं को चेयरमैन बनने का मौका मिलेगा।
नियुक्तियों को लेकर प्रभारी अजय माकन से चर्चा
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बीच राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन के खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां करने के लिए लंबी चर्चा हो चुकी है। सीएम गहलोत ने अजय माकन से चर्चा के बाद ही बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए संदीप यादव और वाजिब अली को चेयरमैन बनाने के आदेश जारी किए हैं। अब 14 यूआईटी और 10 अकादमियों के चेयरमैन और मेंबर्स के खाली पदों पर कांग्रेस नेताओं को नियुक्त करना बाकी है। कांग्रेस के नेता लंबे समय से सरकार में खाली चल रहे पदों पर जल्दी नियुक्तियां करने की मांग कर रहे हैं।
जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष की होगी नियुक्ति
राजनीतिक नियुक्तियों के साथ ही कांग्रेस में खाली पड़े जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के पदों पर भी नेताओं को नियुक्त करने का काम शुरू होगा। 2 साल में कांग्रेस के संगठन में जमीनी स्तर के सभी पद खाली चल रहे हैं। इन पदों पर शीघ्र ही नियुक्तियां दी जाएगी।
इन अकादमियों और यूआईटी में होगी नियुक्तियां
प्रदेश में जिन 10 अकादमियों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी है। उनमें राजस्थान ललित कला अकादमी, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, राजस्थान संस्कृत अकादमी, राजस्थान उर्दू अकादमी, राजस्थान सिंधी अकादमी, राजस्थानी पंजाबी भाषा अकादमी, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, राजस्थान साहित्य अकादमी शामिल हैं। इसके साथ ही 14 यूआईटी चेयरमैन की नियुक्तियां भी होनी हैं। इनमें माउंट आबू, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, अलवर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, कोटा, सीकर, पाली, सवाई माधोपुर, उदयपुर और श्रीगंगानगर में चेयरमैन और मेंबर्स नियुक्त किए जाएंगे।
हाईकमान से मिली हरी झंडी
राजस्थान में यूआईटी चेयरमैन मेंबर्स और अकादमियों में नियुक्ति में देरी की वजह नेताओं के आपसी खींचतान और दिल्ली में हुए घटनाक्रम को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमे के बीच तालमेल बैठाकर नियुक्त करने की कोशिश में भी देरी हुई है। अब हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद कभी भी इन नियुक्तियों के आदेश जारी हो सकते हैं।