जांच पर उठा सवाल, राजस्थान सरकार ने रोकी कोरोना वायरस की एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग, जानिए वजह
जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या 21 अप्रैल को 1658 तक पहुंच गई है। मंगलवार को ही कोरोना के 52 नए केस सामने आए हैं। इस बीच राजस्थान से चौंकाने वाली खबर आई है। वो ये है कि राजस्थान ने कोरोना वायरस का एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट को रोक दिया है। वजह यह बताई जा रही है कि कोरोना रैपिड किट जांच में खरा नहीं उतर रहा है। इस पर रोक लगाकर आईसीएमआर को सूचना दी गई है। यह किट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा भेजी गई थी।
हमारी तरफ से कोई गलती नहीं-चिकित्सा मंत्री
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस संबंध में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा कहते हैं कि यह देखने में आया है कि कोरोना रैपिड किट जांच रिपोर्ट गलत आ रही है। जबकि मेडिकल स्टाफ की तरफ से इसमें कोई प्रक्रियागत चूक नहीं बरती जा रही है। फिर भी यह किट परिणाम गलत दे रहा है। ऐसे में इस पर रोक लगा दी है।
सौ में से पांच रिपोर्ट पॉजिटिव
राजस्थान में एंटीबॉडी रैपिड किट से टेस्टिंग की शुरुआत करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। तीसरे ही दिन राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना के 100 मरीजों का इस किट के जरिए टेस्ट किया गया, जिसमें से इसने 5 को ही पॉजिटिव बताया। यानी रैपिड टेस्ट किट जांच में फेल साबित हुआ। यह केवल 5 फीसदी सफलता हासिल कर पाया।
तो राजस्थान सरकार लौटा देगी रैपिड टेस्ट किट
रैपिड टेस्ट किट के फेल होने पर डॉक्टरों ने कहा था कि किट के दूसरे लॉट का भी टेस्ट किया जा रहा है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं पहले लॉट में दिक्कत तो नहीं थी। अगर ऐसा हुआ तो सरकार रैपिड टेस्ट किट को लौटाएगी। इस किट के जरिए कोरोना जांच पर महज 600 रुपये का खर्च आता है।
Tejasvi rana IAS : ये हैं वो आईएएस जिन्होंने लॉकडाउन में कटवाया MLA की गाड़ी का चालान