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Rajasthan: महिला सशक्तिकरण का चेहरा बनी ढूंढाड़ की बेटी अंजना चौधरी, महिलाओं को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर

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जयपुर, 9 अगस्त। राजस्थान में टोंक जिला महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के प्रयास कर रहा है। टोंक पुलिस के इस प्रयास को अंजाम दे रही है ढूंढाड़ की बेटी हैड कांस्टेबल अंजना चौधरी। जिले के चौसला गांव से निकलकर देवली में शिक्षा दीक्षा अर्जित करने के बाद जब पुलिस की नौकरी में आई तो मकसद महज नौकरी करना था। पुलिस की नौकरी मिली तो सरकारी नौकरी से सुकून महसूस हुआ। लेकिन काम के दौरान वह नौकरी जुनून में तब्दील हो गई। देखते ही देखते हैड कांस्टेबल अंजना चौधरी टोंक जिले में महिला सशक्तिकरण का बड़ा चेहरा बनकर उभर गई।

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पुलिस के आवाज दो अभियान से शुरुआत

पुलिस के आवाज दो अभियान से शुरुआत

पॉलिटिकल साइंस में एमए करने के बाद अंजना के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने की थी। लिहाजा उन्होंने सरकारी सेवा में जाने का फैसला किया। अंजना कहती है मेरा कोई ख़ास मकसद नहीं था। पिताजी सरकारी सेवा में थे तो घरवाले चाहते थे कि मेरी भी सरकारी नौकरी हो। जैसे ही वैकेंसी निकलती मैं आवेदन करती थी। इसी दौरान पुलिस में वैकेंसी आई और मैंने अप्लाई किया। पुलिस सेवा में मेरी सरकारी नौकरी लग गई। काम के दौरान मुझे आईजी रेंज अजमेर द्वारा शुरू किया गया आवाज दो अभियान से जोड़ा गया। यह काम मेरी नौकरी के दौरान जिम्मेदारी था। आवाज दो अभियान के दौरान हम लोगों को जागरूक करते थे। वक्त के साथ में काम को कर दी गई और मेरी जिम्मेदारियां बढ़ती गई। आईजी रेंज द्वारा आवाज दो अभियान के सफलतम प्रयासों के लिए अंजना चौधरी को प्रशस्ति पत्र भी दिया जा चुका है।

महिला सशक्तिकरण को नैतिक दायित्व माना

महिला सशक्तिकरण को नैतिक दायित्व माना

टोंक में पोस्टेड रहने के दौरान जिला पुलिस ने कम्युनिटी पुलिसिंग यूनिट अभियान शुरू किया। इस अभियान से हैड कांस्टेबल अंजना चौधरी को जोड़ा गया। उनके साथ हैड कांस्टेबल हेमराज, मधु, बीना और सरजू को भी जोड़ा गया। अंजना को टीम का मुखिया बनाया। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए सबसे पहले पंचायती राज के राजीविका मिशन मिशन की महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। उसके बाद स्कूली छात्राओं को प्रशिक्षित करने का फैसला किया। अंजना बताती हैं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन रिपोर्ट ना होने की वजह से मामलों की अनदेखी हो जाती है। मैं खुद एक महिला हूँ। इस नाते उनके दर्द को समझ सकती हूँ। इसलिए मैंने कभी इसे काम नहीं समझा। मुझे लगा जितनी ज्यादा जागरूकता होगी। महिलाएं उतनी ही सुरक्षित रहेगी। बस फिर क्या था मैं लग गई अपने काम में।

समाज के बीच पुलिस की छवि सुधारना ज्यादा जरूरी

समाज के बीच पुलिस की छवि सुधारना ज्यादा जरूरी

हैड कांस्टेबल अंजना चौधरी कहती है, समाज के बीच पुलिस की छवि जितनी मजबूत होगी। उतनी ही मजबूती से समाज में सुधार होगा। वे बताती हैं लोग जितने ज्यादा पुलिस से जुड़ेंगे। अपराध होने से पहले पुलिस को अपराध की प्रकृति और उससे जुड़ी जानकारी पुलिस को मिल जाएगी। इससे अपराध को कम किया जा सकता है। वे अपने प्रशिक्षण के दौरान स्कूली छात्राओं को पर्यावरण से जुड़ने, यातायात, लाइसेंस, हेलमेट की उपयोगिता के बारे में भी बताती हैं। साथ ही साइबर क्राइम को लेकर लोगों को सतर्क भी करती हैं।

अब तक 14 हजार महिलाओं को किया प्रशिक्षित

अब तक 14 हजार महिलाओं को किया प्रशिक्षित

पुलिस की नौकरी करते हुए अंजना चौधरी अब तक 14 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी है। काम के दबाव के चलते उन्हें 1 दिन में 3 स्कूलों प्रशिक्षण देना होता है। इसके लिए उन्होंने अपनी टीम में विस्तार करते हुए मास्टर ट्रेनर तैयार किए। ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। अब तक वे जिले में 60 मास्टर ट्रेनर तैयार कर चुकी हैं। जो उन्हीं की टीम का हिस्सा है। उनका मकसद हर स्कूल में दो मास्टर ट्रेनर तैयार करने का है।

शिक्षक होती तो शायद इतना नहीं कर पाती

शिक्षक होती तो शायद इतना नहीं कर पाती

अंजना चौधरी बताती है कि वह अपने काम से बहुत खुश है वर्दी में जब वे स्कूल में जाकर छात्राओं को प्रशिक्षण देती हैं। तब छात्राएं उनकी बात बहुत गंभीरता से सुनती हैं। वह बताती हैं कि तब उन्हें पुलिस की नौकरी करने पर बहुत गर्व महसूस होता है। हंसते हुए वे कहती हैं, शायद वह शिक्षिका होती तो भी बच्चों को इतना नहीं सिखा पाती। जितना पुलिस की नौकरी में रहकर कर पा रही है। बस उन्हें इसी बात की खुशी है। वह बताती हैं कि स्कूल में शिक्षिकाओं को भी प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन कामकाज के दबाव के चलते वे प्रशिक्षण के काम को अवॉइड करती हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी के साथ नैतिक रूप से इस काम से जुड़ना चाहिए।

समाज में अभी बहुत जागरूकता की जरूरत है

समाज में अभी बहुत जागरूकता की जरूरत है

हैड कांस्टेबल अंजना चौधरी के मुताबिक महिला सशक्तिकरण को लेकर अभी भी समाज बहुत पिछड़ा हुआ है। यहां अभी बहुत काम करने की जरूरत है। आमतौर पर बसों में या सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं से छेड़छाड़ के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन शर्म और लोकलिहाज की वजह से कार्रवाई नहीं होती। महिलाओं को भीतर से मजबूत होने की जरूरत है। उन्हें अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है। इसी मकसद से इस अभियान को शुरू किया गया है। वह चाहती हैं कि यह अभियान आगे चलकर महिला सशक्तिकरण का चेहरा बने। महिलाएं अपने अधिकारों और सुरक्षा को लेकर जागरूक हो सके।

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English summary
Rajasthan: Anjana Choudhary, daughter of Dhoondad, became the face of women empowerment, teaching self-defense to women
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