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Pankaj Choudhary IPS : दूसरी शादी करने पर बर्खास्त हुए पंकज चौधरी को राहत, SP से बने थे BSP नेता

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जयपुर। राजस्थान कैडर के वर्ष 2009 बैच के आईपीएस पंकज चौधरी के लिए हत भरी खबर है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की प्रधान पीठ आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया है। बता दें कि पहली पत्नी से तलाक लिए बिना ही आईपीएस पंकज चौधरी द्वारा दूसरी महिला से शादी करने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंकज चौधरी को वर्ष 2019 के फरवरी में बर्खास्त कर दिया था।

बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती

बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती

पंकज चौधरी ने जोधपुर कोर्ट में अपनी सेवा बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी। इसके बाद केस दिल्ली में कैट की प्रधान पीठ को ट्रांसफर कर दिया गया था। कैट ने केंद्र के फैसले को गलत माना है। केंद्र का तर्क था कि बिना तलाक दूसरी शादी करना अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3-1 का उल्लंघन है।

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 वापस खुलवाई थी गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट

वापस खुलवाई थी गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट

पंकज चौधरी मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं। इन्होंने बतौर आईपीएस राजस्थान के कई जिलों में एसपी के पद पर सेवाएं दी है। पंकज चौधरी सरहदी जिले बाड़मेर में एसपी रहते हुए वर्ष 2013 में गाजी फकीर की हिस्ट्रशीट वापस खोलकर चर्चा में आए थे। इसके बाद इनका तबादला कर दिया गया था। गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने वाले मामले पर पंकज चौधरी ने पिछले साल मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजस्थान में ऐसे कई हिस्ट्रीशीटर हैं। ऊंची पहुंच के चलते सक्रिय हैं। बता दें कि बाड़मेर, जैसलमेर के धर्मगुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलों की राजनीति के दाता हैं। 1965 से गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खुली हुई थी, जिसे बंद कर दिया गया था। वर्ष 2013 में पंकज चौधरी ने वापस खुलवा दी थी।

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 लोकसभा चुनाव में नामांकन हो गया था निरस्त

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पुलिस सेवा से बर्खास्त होने के बाद पंकज चौधरी ने राजनीति की राह पकड़ ली थी। कर्मभूमि बाड़मेर-जैसलमेर से लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा के टिकट पर भाग्य आजमाना चाहा, मगर नामंकन पत्र में सेवा से बर्खास्तगी के संबंध में निर्वाचन विभाग से सर्टिफिकेट नहीं लगाए जाने के कारण एनवक्त पर उनका नामांकन पत्र निरस्त हो गया था। इसके बाद कांग्रेस से मानवेन्द्र सिंह और भाजपा से कैलाश चौधरी मैदान में बचे थे। कैलाश चौधरी चुनाव जीते।

वहीं, बसपा से ही पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी को जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था।

 नैनवां दंगों में लापरवाही का आरोप

नैनवां दंगों में लापरवाही का आरोप

पंकज चौधरी वर्ष 2011 से 2018 के बीच कोटा, बांसवाड़ा, जैसलमेर, अजमेर, बूंदी, दिल्ली और जयपुर में अलग अलग पदों पर रहे हैं। मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद वे पहली बार चर्चा में आए थे। इसके बाद नैनवां, बूंदी में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद उन्हें लापरवाही बरतने के आरोप में हटाया भी गया था।


दूसरी शादी मुकुल चौधरी से

दूसरी शादी मुकुल चौधरी से

चौधरी ने राजस्थान के कई आईपीएस, आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर चर्चा में रहे थे। पंकज ने सुधा गुप्ता से 4 दिसंबर, 2005 को शादी की और कानूनी रूप से 5 मई, 2018 को उनसे अलग हो गए थे। फिर दूसरी शादी मुकुल चौधरी से की।

English summary
IPS Pankaj Chaudhary Dismissal order canceled by Central Administrative Tribunal
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