देश की बड़ी बड़ी संस्थाएं अडानी को सौंप दी गई, किसान आंदोलन को लेकर यह बोले सत्यपाल मलिक
जयपुर, 11 सितंबर। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को राजस्थान दौरे पर रहे। नागौर जिले के डीडवाना कस्बे में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मलिक ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश के सात एयरपोर्ट अडानी को दे दिए गए हैं। बड़ी-बड़ी संस्थाएं दे दी गई है। बैंकों से इतना कर्ज अडानी को दिलवा दिया गया है कि वह डूबा तो देश के सारे बैंक डूब जाएंगे। नागौर के ग्रामोत्थान विद्यापीठ में आयोजित रजत जयंती समारोह में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। जरूरत पड़ने पर आंदोलन दोबारा होगा देश का किसान दोबारा लड़ाई लड़ेगा। इस बार लड़ाई की निर्णायक होगी। तब सब कुछ छोड़कर मैं भी रहूंगा। मलिक ने कहा कि बिना एमएसपी के किसानों का भला नहीं होता। जितनी चीजें किसान पैदा करता है। पिछले 10 साल में उसकी कीमत कम हुई है और जितनी किसान खरीदता है। उसकी कीमतें बड़ी है। इसका नतीजा यह है कि किसान की खरीदने की ताकत कम हो गई है।
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बालिका शिक्षा पर जोर देने की जरूरत
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हमें कुरीतियों को छोड़कर बालिका शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। अनावश्यक खर्च करने व लोगों को खाना खिलाने के बजाय बालिका शिक्षा पर पैसा खर्च करें। ताकि वे बड़ी होकर अधिकारी बन सके। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत हुई है। अमेरिका की विदेश मंत्री रह चुकी डॉलर विजा रायस का उदाहरण देते हुए मलिक ने कहा कि दुबली पतली और सांवले रंग की विजा रायस शक्ल सूरत में साधारण से भी नीचे थी। लेकिन अपनी पढ़ाई के दम पर वे अमेरिका की विदेश मंत्री बनी। उन्होंने कहा कि मैं 2200 कोस दूर से चलकर आया हूँ। मुझे जब भी किसी शैक्षणिक संस्थान में बुलाया जाता है। मैं बगैर डायरी देखे हामी भर लेता हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की उन्नति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं पांच राज्यों का गवर्नर रहा हूँ। मुझे सब जगह बुलाया जाता था।
उपराष्ट्रपति पद के लिए था ऑफर
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलने के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले मलिक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर बयान दिया है। उन्होंने धनकड़ को डिजर्विंग कैंडिडेट बताया है। मलिक ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मुझे भी ऑफर किया गया था। लेकिन मैंने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे किसान वर्ग की आवाज हमेशा उठाते रहेंगे।