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खड़गे के पदभार ग्रहण में दिखा अशोक गहलोत का बड़ा कद, स्टीयरिंग कमेटी में शामिल चारों नेता गहलोत के करीबी

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Congress के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बुधवार को पदभार ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फिर से बड़ा कद दिखाई दिया है। कांग्रेस के इस कार्यक्रम में गहलोत पूरे समय सोनिया गांधी के साथ दिखाई दिए। यहां तक कि जब खड़गे कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए तो उनके सामने कुर्सियों पर केवल 4 लोग ही बैठे थे। जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा अशोक गहलोत और कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री मौजूद थे। बाकी सभी नेता सामने खड़े रहे। इसके जरिए सभी को यह संदेश दिया गया है कि अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी में बड़ी हैसियत और अहमियत है। नया कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी गहलोत पहले की तरह ही गांधी परिवार के करीबी और विश्वासपात्र है। गहलोत खुद भी कह चुके थे कि नया अध्यक्ष बनने के बाद भी उनके गांधी परिवार से रिश्ते वैसे ही रहेंगे जैसे बीते 50 सालों से रहे हैं।

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कांग्रेस की स्टीयरिंग कमिटी में भी अशोक गहलोत का जलवा

कांग्रेस की स्टीयरिंग कमिटी में भी अशोक गहलोत का जलवा

मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की वर्किंग कमेटी की जगह बनाई गई 47 सदस्य स्टीयरिंग कमिटी में भी अशोक गहलोत का दबदबा दिखाई दिया है। राजस्थान से इस कमेटी में भंवर जितेंद्र सिंह, रघु शर्मा, हरीश चौधरी और रघुवीर मीणा को जगह मिली है। यह चारों नेता गहलोत के करीबी माने जाते हैं। एआईसीसी के डेलीगेट चुने जाने तक यह कमेटी ही पार्टी के कामकाज का संचालन करेगी।

खड़गे के अध्यक्ष बनने से देश के दलित वर्ग में विश्वास जागा

खड़गे के अध्यक्ष बनने से देश के दलित वर्ग में विश्वास जागा

मल्लिकार्जुन खड़गे के पद भार ग्रहण के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि खड़गे का अध्यक्ष बनना मायने रखता है। इससे देश के दलित वर्ग के लोगों में विश्वास जगा है। सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के मार्गदर्शन को कांग्रेस पार्टी के लिए अमूल्य बताते हुए कहा कि उनका कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना सभी कांग्रेसजनों के लिए भावुक पल है। 1998 में जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था। तब कांग्रेस की केंद्र में सरकार नहीं थी। वह राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी के समक्ष तमाम चुनौतियां थी। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान मध्य प्रदेश दिल्ली कर्नाटक समेत कई राज्य में कांग्रेस जीती 2004 और 2009 में भाजपा को हराकर केंद्र में संप्रग की सरकार बनी।

सोनिया गांधी ने किया प्रधानमंत्री पद का त्याग

सोनिया गांधी ने किया प्रधानमंत्री पद का त्याग

गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद तक का त्याग कर दिया और पार्टी को हमेशा परिवार की तरह चलाया है। त्याग, स्नेह और अपनेपन की इस भावना के कारण ही सोनिया के नेतृत्व में पार्टी एकजुट हो गई और अनेक दलों से गठबंधन कर संप्रग बना। उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीति में आने पर सोनिया के विरोधी थे वह सब उनके मुरीद बन गए।

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English summary
Ashok Gehlot big stature was seen taking over Congress President
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