Sharad purnima 2022: जबलपुर के भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव का आगाज, जानें पहले दिन क्या रहा ख़ास
(Sharad Purnima 2022) कल-कल, छल-छल बहती पुण्य सलिला मां नर्मदा की धारा के बीच मप्र के जबलपुर में सुर संगीत की महफ़िल सजी। संगमरमरी सुरम्य वादियों में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का शानदार आगाज हुआ। पहला दिन प्रख्यात नृत्यांगना पद्म विभूषण और राज्य सभा सदस्य डॉ सोनल मान सिंह के भरत नाट्यम के नाम रहा। उनके ग्रुप ने शास्त्रीय शैली में 'संकल्प से सिद्धि नृत्य' की प्रस्तुति भी दी।
नर्मदा महोत्सव का शानदार आगाज
विश्वप्रसिद्द एमपी के जबलपुर में भेड़ाघाट धुंआधार में शरद पूर्णिमा के मौके पर नर्मदा महोत्सव का आयोजन होता है। जिसमें लोक संस्कृति और संगीत के सुरों के साथ इस पर्यटन स्थल की दूधिया रोशनी में खूबसूरती बिखरती है। 18 वें नर्मदा महोत्सव का आगाज भी ख़ास अंदाज में हुआ। रंग-बिरंगी रोशनी से मुक्ताकाशी मंच को सजाया गया, जिसमें कलाकारों की बेजोड़ प्रस्तुतियों में चार चांद लग गए।
पहले दिन भरत नाट्यम ने बांधा समां
शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या से जबलपुर का धुआंधार भेड़ाघाट नर्मदा उत्सव में रंग जाता है। इस बार पर्यटन और संस्कृति के इस अनूठे संगम के पहले दिन प्रख्यात नृत्यांगना पद्म विभूषण और राज्य सभा सदस्य डॉ सोनल मान सिंह का भरत नाट्यम आकर्षण का केंद्र रहा। सोनल मान सिंह की प्रस्तुति से गजब का समां बांधा।
‘संकल्प से सिद्धि’ नृत्य
प्रसिद्द नर्तक के साथ शास्त्रीय गायक डॉ. सोनल मानसिंह के ग्रुप का 'संकल्प से सिद्धि' नृत्य ने अलग पहचान बनाई है। यहां जब इस प्रस्तुति को देने जैसे ही कलकार मंच पहुंचे तो मौजूद दर्शकों की तालियों से आयोजन गूंज उठा। शास्त्रीय संगीत की धुनों पर कलाकारों की अलग-अलग मुद्राए देखने लायक थी।
दुर्गा स्तुति पर नृत्य की प्रस्तुति
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत स्वरागिनी सांस्कृतिक कला केन्द्र जबलपुर की मेघा पांडे और ने दुर्गा स्तुति के नृत्य से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। हरे परिधानों में सजे कलाकार प्रतीक स्वरुप मां दुर्गा की स्तुति में ऐसे लीन दिखे, मानों मां दुर्गा की आराधना का साक्षात दृश्य हो। एक से बढ़कर एक स्टेप्स लोगों को मन्त्रमुग्ध करते रहे।
कमल सुशोभित मां दुर्गा का दृश्य
जबलपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए दुर्गा स्तुति के इस नृत्य में मां दुर्गा कमल पर विराजमान नजर आती है। उनके आसपास नृत्यांगनाए आशीर्वाद मांगती है। जैसे ही यह दृश्य मंच पर प्रदर्शित होता है, तालियों से माहौल गूंज उठता हैं।
राजस्थानी लोक संगीत लांगा, कालबेलिया नृत्य
चांद की रोशनी और खुले आसमान के नीच नर्मदा किनारे इस आयोजन खूब वाहवाही लूटी। लोक संस्कृति के सुर ताल में राजस्थान की छटा भी बिखरी। संगीत नाटक अकादमी की ओर से राजस्थानी लोक संगीत लांगा और मांगलिया, कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी गई। जिसमें बाड़मेर राजस्थान के प्रसिद्द कलाकार दीन मोहम्मद और उनकी टीम ने आयोजन को और संगीतमय बना दिया।
महाराष्ट्र का कोली और लावणी नृत्य
पहले दिन के कार्यक्रमों की श्रृंखला में महाराष्ट्र की संस्कृति के रंग भी नजर आए। दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र की ओर से रायगढ़ महाराष्ट्र की निभा जेमसे और उनके समूह के कोली और लावणी नृत्य को भी काफी पसंद किया गया। यह प्रस्तुति लोक संस्कृति के सौंदर्य से सजी रही। जिससे जबलपुर के लोग भी परिचित हुए।
नर्मदा पूजन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
नर्मदा उत्सव के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला यह आयोजन भेड़ाघाट महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। 18 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी। इस बार आयोजन में केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहुंचे। जिन्होंने पवित्र नर्मदा की पूजा अर्चना के साथ 18 वें नर्मदा महोत्सव का शुभारंभ किया। इस मौके पर सांसद राकेश सिंह, विधायक संजय यादव समेत स्थनीय नेता मौजूद रहे।
पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए हर संभव मदद
इस शानदार आयोजन के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री मेघवाल ने इस आयोजन को यादगार बताया। मेघवाल बोले कि नर्मदा महोत्सव को और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए केन्द्र शासन के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जरूरी पहल की जाएगी, साथ ही इसे विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सार्थक प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने भेड़ाघाट में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।