जबलपुर के इस कुख्यात बदमाश का पता लगाने रेड कॉर्नर नोटिस, जानिए इंटरपोल के बारे में..
जबलपुर, 13 सितंबर: हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के कुख्यात बदमाश बेटे सरताज के खिलाफ जबलपुर पुलिस ने 'रेड कॉर्नर' नोटिस जारी किया है। आरोपी हत्या के प्रयास, अड़ीबाजी और अपहरण जैसे मामलों में लंबे वक्त से फरार हैं। पुलिस के मुताबिक सरताज ने पुलिस कस्टडी से अपने आरोपी पिता को छुड़ाने की कोशिश भी करवाई थी। जिसमें उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला भी किया था।
सरताज के खिलाफ डेढ़ दर्जन मामले दर्ज
बाएं हाथ का खेल समझकर किसी की हत्या करना, करवाना, किडनेपिंग, बलवा जैसे गंभीर अपराधों में कुख्यात रहा सरताज जबलपुर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा। एक दो नहीं, बल्कि उसके खिलाफ 18 गंभीर अपराधों का पुलिस रिकॉर्ड हैं। फरार होने के पहले कुछ समय पूर्व वह पुलिस कस्टडी से अपने पिता को छुड़ाने को सूत्रधार भी रहा। पुलिस के मुताबिक उसके गुर्गे जब हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक को छुड़ाने में असफल रहे, तो उन्होंने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया था। पुलिस ने उसके घर से पिता की गिरफ्तारी के वक्त घातक हथियार बरामद किए थे।
पुलिस ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस
कुख्यात बदमाश हिस्ट्रीशीटर रज्जाक का बदमाश बेटा मोहम्मद सरताज गिरफ्तारी से बचने लुकछिप रहा हैं। लगातार उसकी तलाश में पुलिस पार्टियों ने हर ठिकाने पर दबिश दी लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस को अपने मुखबिरों से खबर है कि आरोपी दुबई में रह रहा हैं। जिसके बाद रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के हेड ऑफिस एक प्रतिवेदन भी भेजा गया था। मप्र के डीजीपी ने इसे गंभीर माना फिर सीबीआई, एनसीबी इंटर पोल दिल्ली ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हैं।
सिद्धू मूसेवाला केस में भी जारी हुआ था नोटिस
साल 2022 में 29 मई को फेमस पॉप सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज मर्डर केस में हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य गैंगस्टर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार ने ली। बताया जाता है कि वह इन दिनों कनाडा में है। स्टूडेंट वीजा पर कनाडा जाने के बाद भारत नहीं लौटा। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।
क्या होता है ‘रेड कॉर्नर’ नोटिस
कई बार ऐसे अपराधी होते हैं, जो गिरफ्तारी से बचने अपने देश से भागकर अन्य दूसरे देशों में अपना ठिकाना बना सकते हैं। सरल भाषा में इसे फरारी काटने की महफूज जगह कहा जाता हैं। इस दौरान संबंधित देश की जांच एजेंसी रेड कॉर्नर नोटिस जारी जारी करती हैं। ताकि इंटरपोल में शामिल देश उस आरोपी की पहचान कर पाए और गिरफ्तारी में मदद मिल सकें।
इंटरपोल का मतलब क्या होता ?
सरल भाषा में इंटरपोल का मतलब अंतर्राष्ट्रीय पुलिस से हैं। दुनिया के 192 देशों का इंटरपोल के साथ समझौता हैं। इसमें शामिल सदस्य देशों की ओर से ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की सिफारिश होती है। सिफारिश की जांच के लिए टास्क फ़ोर्स बनी है, जो देखती है कि इंटरपोल के नियमों के मुताबिक संबंधित मामला वास्तव में है या नहीं? यदि सब कुछ ठीक रहता है तो रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के द्वारा जारी कर दिया जाता हैं।
अरेस्ट वारंट नहीं होता रेड नोटिस
रेड कॉर्नर नोटिस को लेकर यह भ्रम है कि अपना देश भागकर अन्य देशों में रह रहे आरोपी अपराधी को वहां की पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। रेड नोटिस सिर्फ गंभीर प्रवत्ति के अपराध करने वाले फरार आरोपियों को ढूढने में मदद करते हैं। अन्य देशों की पुलिस को ऐसे अपराधियों के बारे में सचेत किया जाता हैं। जारी होने वाले नोटिस में दो प्रकार की जानकारी होती है-
पहली- अपराधी की पहचान. जैसे नाम, जन्मतिथि, बालों और आंखों का रंग, राष्ट्रीयता
दूसरी- वांटेड व्यक्ति के अपराधों से संबंधित जानकारी जैसे हत्या, बलात्कार, बच्चों के यौन शोषण या सशस्त्र लूट शामिल हो सकती है।
इंटरपोल इतने तरह के नोटिस जारी करता है
ब्लू
नोटिस:
कोई
ऐसा
संदिग्ध
व्यक्ति
जिसके
द्वारा
किसी
तरह
के
अपराध
होने
की
आशंका
हो,
तो
उसकी
पहचान,
लोकेशन,
आपराधिक
गतिविधियों
की
समस्त
जानकारी
जुटाने
यह
जारी
किया
जाता
है।
ब्लेक
नोटिस:
कई
बार
अज्ञात
शवों
की
शिनाख्त
नहीं
हो
पाती।
मृतक
की
पीएम
रिपोर्ट
फिर
घटना
स्थल
के
सबूतों
के
आधार
पर
जांच
टीम
जरुरी
समझती
है,
तो
शिनाख्तगी
के
लिए
यह
जारी
किया
जाता
है।
जानकारी
के
मुतबिक
हर
साल
इंटरपोल
लगभग
150
ब्लैक
नोटिस
जारी
करता
है।
ग्रीन
नोटिस:
लोक
सुरक्षा
के
लिए
खतरे
वाले
तत्वों
के
खिलाफ
यह
नोटिस
जारी
किया
जाता
है।
संबंधित
व्यक्ति
की
आपराधिक
गतिविधियों
की
चेतावनी
के
साथ
उसकी
ख़ुफ़िया
जानकारी
शामिल
रहती
हैं।
ऑरेंज
नोटिस:
घातक
हथियार
या
उसके
साथ
कोई
ऐसा
शख्स
जिससे
किसी
बड़े
खतरे
की
आशंका
हो,
तब
यह
नोटिस
जारी
होता
हैं।
पर्पल
नोटिस:
अपराधियों
के
गुनाह
करने
के
तरीके
सामान्य
अपराधों
से
अलग
होते
हैं।
उनके
पास
मौजूद
हथियारों
की
जानकारी
जुटाने
के
लिए
भी
यह
नोटिस
जारी
होता
है।
येलो
नोटिस:
किडनैपिंग
केस
या
अन्य
कारणों
से
लापता
हुए
किसी
लापता
व्यक्ति
के
बारे
में
पता
लगाने
यह
नोटिस
जारी
होता
है।
इसके
माध्यम
से
दुनियाभर
की
पुलिस
को
अलर्ट
किया
जाता
है।
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