Jabalpur News: संघ में जाति नहीं पूछी जाती, समाज के लिए हम उदहारण बने, बोले RSS चीफ मोहन भागवत
समानता का आचरण और सामाजिक समरसता ही राष्ट्र वैभव के स्तंभ को मजबूत कर सकता हैं। जिस सकारात्मक विचारधारा के साथ यह कुटुंब बना है, उसका समाज में उदहारण प्रस्तुत करना हर किसी की नैतिक जिम्मेदारी होना चाहिए। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का। महाकौशल प्रांत के जबलपुर में तीन दिवसीय प्रवास पर पहुंचे भागवत ने यह बात कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि समानता का व्यवहार ही हर क्षेत्र में घर जैसा वातावरण स्थापित कर सकता है।
RSS चीफ डॉ. मोहन भागवत तीन दिनों के प्रवास पर मप्र के जबलपुर पहुंचे थे। आखिरी दिन संघ से जुड़े विभिन्न वर्गों के पदाधिकारियों के परिवार मिलन का कार्यक्रम हुआ। जिसमें 21 जिलों से आए विभिन्न विभागों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। पारिवारिक वातावरण में हुए इस आयोजन में भागवत ने पदाधिकारियों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात भी की। जीवन में आ रहे परिवर्तन और जिम्मेदारियों के बारे में भी विचार विमर्श किया। इस मौके पर भागवत ने कहा कि सामाजिक समरसता का व्यवहार हर परिवार में जरुरी है। पड़ोस हो , कुटुंब और कार्यस्थल सभी जगह समानता का आचरण स्थापित करना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है। नजदीक रहने वाले परिवार किसी भी जाति के हों, हमारा व्यवहार उनके लिए प्रेरणा बनना चाहिए। संघ की शाखा, संघ के कार्यक्रमों में किसी की जाति नहीं पूछी जाती। सब साथ खाते-पीते हैं, मिलकर काम करते हैं, हर घर में ऐसा ही वातावरण बनाना है।
भागवत ने ब्रह्मचर्य आश्रम और गृहस्थ आश्रम से जुड़े जीवन के कई पहलुओं पर भी विचार व्यक्त किए। बोले कि पर्यावरण संरक्षण को हर परिवार की जीवनशैली से जोड़ना है। एक माता शिक्षित होती है तो पूरी एक पीढ़ी शिक्षित होती है। सबको समान अवसर उपलब्ध करवाना है। अपनेपन का आधार धन, प्रतिष्ठा, सफलता नही होना चाहिए। परिवार में परस्पर संवाद होना चाहिए। दूर रहने वाले परिजन को साल में एक-दो बार एकत्रित होना चाहिए।