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आपने नहीं देखी होगी एक करोड़ की ये कार, 10 सेकण्ड में हो जाती हैं 120 किमी रफ़्तार ...

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जबलपुर, 15 सितंबर: कार बाजार की दुनिया में यूं तो कई कार हैं। जिनका हम उपयोग करते हैं। मार्केट में एक से बढ़कर एक महंगी कार हैं, एडवांस फीचर, रफ़्तार, एवरेज और बजट के हिसाब से हम पसंद करते हैं। लेकिन रफ़्तार की दुनिया में रेसिंग कारों का अपना अलग जलवा हैं। कार रेस के शौक़ीन लोगों के लिए मप्र के जबलपुर के ट्ट्रिपल आइटी डीएम के छात्रों ने फॉर्मूला वन कार डिजाइन की हैं। नई तकनीक से इस कार को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा।

ट्रिपलआइटी डीएम के स्टूडेंट्स ने बनाई है कार

ट्रिपलआइटी डीएम के स्टूडेंट्स ने बनाई है कार

मप्र के जबलपुर के ट्रिपल आइटी डीएम के स्टूडेंट्स ने इस रेसिंग कार का निर्माण किया हैं। कार की डिजाइन से लेकर इसकी बेजोड़ तकनीक यहां के स्टूडेंट्स ने ही तैयार की। कार को तैयार करने स्टूडेंट्स की टीम लंबे वक्त से कार निर्माण करने का सोच रहे थे। देशी इंजीनियरिंग के बलबूते टीम ने कार बनाने का प्लान किया। कार बनाने की शुरुआत करने के वक्त उन्हें शंका थी कि उनकी कोशिश उम्मीदों पर खरा उतरेगी या नहीं, लेकिन प्लानिंग के साथ जब कार बनाना शुरू किया तो इनको पता ही नहीं चला कि 6 महीने का वक्त कैसे गुजर गया।

कार की डिजाइन तकनीक सबकुछ छात्रों का ही

कार की डिजाइन तकनीक सबकुछ छात्रों का ही

इस कार को बनाने के लिए बीटेक थर्ड और फोर्थ ईयर सेमेस्टर के कुछ छात्रों ने दिलचस्पी दिखाई । एक टीम बनाकर सबसे पहले उन्होंने कार की डिजाइन तैयार की। आम तरह की रेसिंग कारों से कुछ हटकर इसकी डिजाइन हैं। छात्रों की टीम के कैप्टन सिद्धांत मधुकर बताते है कि कार के ऊपर का हिस्सा फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक तकनीक से तैयार किया गया हैं । यह प्लास्टिक स्टील की तरह मजबूत और हल्का होता हैं । रेसिंग के दौरान कार के डैमेज होने के चांस कम होते हैं । प्लास्टिक की जिस तकनीक का इस्तेमाल कर कार की बॉडी को आकर दिया गया, इसका आजकल इस्तेमाल बड़े बड़े ब्रिज और पुल डेम बनाने में भी होता हैं ।

10 सेकेंड में 120 किमी हो जाती है कार की रफ़्तार

10 सेकेंड में 120 किमी हो जाती है कार की रफ़्तार

सिद्धांत मधुकर ने बताया कि इस कार का वजन 230 किलोग्राम है । इसमें 390 सीसी का इंजन इंस्टाल किया गया है । कार की औसत लंबाई 1.6 मीटर रखी गई है । कार को स्टार्ट करते ही सिर्फ दस सेकेण्ड से कम वक्त में यह 120 किमी की रफ़्तार पकड़ लेती हैं । दिखने में सामान्य रूप से अन्य रेसिंग कारों के मॉडल की तरह ही है, लेकिन इसकी सिटिंग और रेसिंग के वक्त स्टेयरिंग हेंडलिंग अलग हैं ।

इंटरनेशनल मार्केट में 1 करोड़ में मिलती ऐसी कार

इंटरनेशनल मार्केट में 1 करोड़ में मिलती ऐसी कार

6 महीनों की लगातार मेहनत और लगन से इस कार को बनाने में 6 लाख रुपए का खर्च आया हैं । इस स्तर की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कार की कीमत एक करोड़ रुपए है । छात्रों का कहना है कि इस कार उपयोग करने वालों से फॉर्मूला वन कार के पार्टी लोगों का रुझान बढ़ेगा । साथ ही आने वाले वक्त में टीम को ऐसी और कार बनाने की इच्छा है । ताकि वह अपने साथ अपनी संसथान का नाम भी रोशन कर सकें ।

सुप्रा एसएई इंडिया- 2022 कॉन्टेस्ट में शामिल हुई यह कार

सुप्रा एसएई इंडिया- 2022 कॉन्टेस्ट में शामिल हुई यह कार

पिछले महीने नोएडा में सोसायटी ऑफ़ आटोमोटिव इंजीनियर द्वारा सुप्रा एसएई इंडिया- 2022 कॉन्टेस्ट आयोजित किया गया था । जिसमें देश भर की लगभग 105 तकनीकी संस्थानों ने हिस्सा लिया था । कॉन्टेस्ट में जबलपुर का यह प्रोजेक्ट दूसरे पायदान पर रहा । वैसे भी केंद्र सरकार का मेक इन इंडिया का सपना है और कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं । आने वाले वक्त में मेक इन इंडिया के तौर पर ऐसे प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होंगे । स्पर्धा में आए विशेषज्ञों ने भी जबलपुर के छात्रों के इस प्रोजेक्ट की खूब सराहना की ।

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English summary
IIITDM students of Jabalpur madhya pradesh design made Formula One race car
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