डॉक्टर बनाने वाले कॉलेज ने कनाडा के डॉक्टर से की एक करोड़ की ठगी, EOW ने चार के खिलाफ दर्ज किया केस
Doctor making college cheated Canadian doctor of one crore, EOW filed case against four जबलपुर का सुखसागर मेडिकल कॉलेज जो खुद भावी डॉक्टर तैयार करता हैं। उसके संचालकों ने कनाडा में रहने वाले एक डॉक्टर से ठगी की
जबलपुर, 03 जून: कनाडा के लोरेटो ब्रोसार्ड शहर में रहने वाले भारतीय मूल के विदेशी नागरिक एक डॉक्टर को ठगी का शिकार बनाया गया। सत्यप्रकाश नाम के डॉक्टर को झांसा देकर उससे करीब एक करोड़ रुपये हड़प लिए गए। पीड़ित की यह शिकायत जबलपुर ईओडब्ल्यू पहुंची तो जांच के बाद चार आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं। आरोपी सुखसागर मेडिकल कॉलेज के संचालक और एक ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।
जबलपुर का सुखसागर मेडिकल कॉलेज जो खुद भावी डॉक्टर तैयार करता हैं। उसके संचालकों ने कनाडा में रहने वाले एक डॉक्टर को ही ठगी का शिकार बना लिया। हैरान कर देने वाले इस मामले में पीड़ित एनआरआई डॉ सत्यप्रकाश ने परेशान होकर ईओडब्ल्यू का सहारा लिया। जहाँ दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। FIR होने के बाद अब आरोपी फरार हैं।
लोन
एग्रीमेंट
और
चेरिटी
के
नाम
लिए
एक
करोड़
ठगी
का
शिकार
हुए
डॉ
ने
अपनी
शिकायत
में
बताया
है
कि
जबलपुर
के
ज्ञानजीत
सेवा
मिशन
के
ट्रस्टी
बीएस
खन्ना,
अमनदीप
खन्ना,
रमनदीप
खन्ना
और
मनिंदर
कौर
ने
लोन
एग्रीमेंट
के
तौर
पर
एक
करोड़
रुपये
रुपये
की
रकम
ली
थीं।
एग्रीमेंट
में
हॉस्पिटल,
चेरिटी
का
भी
जिक्र
था।
निर्धारित
अवधि
में
जब
डॉ
को
अपनी
रकम
वापिस
नहीं
मिली
और
बार-बार
गुहार
लगाईं
गई,
तो
पीड़ित
को
पुलिस
का
सहारा
लेना
पड़ा।
पीड़ित
डॉ
सत्यप्रकाश
काफी
वक्त
से
कनाडा
में
रह
रहें
है।
उनका
जबलपुर
में
भी
घर
है।
आरोपियों
से
पुराना
परिचय
होने
के
कारण
वह
उनके
झांसे
में
आ
गया।
लेकिन
अब
उसे
पछतावा
हो
रहा
हैं।
कॉलेज
की
दलील
शिकायतकर्ता
खुद
झांसेबाज
एफआईदर्ज
होने
के
बाद
कॉलेज
प्रबंधन
और
ट्रस्टियों
में
हडकंप
मचा
हैं।
पुलिस
ने
चार
लोगों
के
खिलाफ
अमानत
में
खयानत
समेत
अन्य
कई
धाराओं
के
तहत
मामला
दर्ज
किया
हैं।
इधर
आरोपी
कॉलेज
संचालकों
के
लॉ
ऑफिसर
बीबी
पटेल
की
दलील
है
कि
डॉ
सत्यप्रकाश
ने
एक
राजेश
नाम
के
व्यक्ति
के
साथ
बैठक
कराई
थीं।
दोनों
ने
ही
कॉलेज
प्रबंधन
से
संपर्क
किया
था।
उन्होंने
कॉलेज
में
करोड़ों
रुपये
निवेश
कर
लाभ
लेने
की
बात
की
थीं।
लेकिन
अब
डॉ
सत्यप्रकाश
ने
झूठी
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
हैं।