Alert: रस्सी का झूला बन गया ‘मौत का फंदा’, फिर चली गई 4 साल की मासूम की जान
मप्र के बालाघाट के बरबसपुर गांव में यह घटना हुई। खेती-किसानी करने वाले उईके परिवार के लोग खेत गए हुए थे। घर पर अकेले उनकी चार साल की बेटी स्तुति और बड़ा बेटा था। तभी स्तुति घर में खेलते वक्त रस्सी से बना झूला झूलने लगी।
बालाघाट, 07 जुलाई: कभी-कभी जरा सी लापरवाही भारी पड़ जाती है। एक चार साल की मासूम के लिए 'रस्सी का झूला' मौत का फंदा बन गया। खेल-खेल में झूले में झूलते वक्त रस्सी बच्ची के गले में ऐसी फंसी कि उसकी हड्डी टूट गई, फिर दम घुटने से उसकी मौत गई। इस घटना से हर कोई स्तब्ध है और दूसरों के लिए सबक भी।
मप्र के बालाघाट के बरबसपुर गांव में यह घटना हुई। खेती-किसानी करने वाले उईके परिवार के लोग खेत गए हुए थे। घर पर अकेले उनकी चार साल की बेटी स्तुति और बड़ा बेटा था। तभी स्तुति घर में खेलते वक्त रस्सी से बना झूला झूलने लगी। उसका भाई दूसरे कमरे में खेल रहा था, इसी दौरान झूला झूलते वक्त स्तुति के गले में रस्सी फंस गई। थोड़ी देर बाद उसके भाई ने देखा कि स्तुति झूले से लटकी हुई जमीन पर गिरी हुई है। फ़ौरन उसने यह खबर अपने पिता को दी। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
ऐसी
फंसी
रस्सी
कि
गले
की
टूट
गई
हड्डी
दर्दनाक
इस
घटना
की
खबर
जैसे
ही
स्तुति
के
पिता
भुवन
उईके
को
लगी
तो
भागते
हुए
घर
पहुंचे।
फ़ौरन
स्तुति
को
अचेत
अवस्था
में
अस्पताल
ले
गए।
जहाँ
चिकित्सकों
ने
उसे
मृत
घोषित
कर
दिया।
पीएम
रिपोर्ट
में
पता
चला
कि
गले
में
रस्सी
फंसने
से
उसके
गले
की
हड्डी
टूट
गई
थी,
फिर
दम
घुटने
मौत
हो
गई।
4
साल
की
मासूम
की
मौत
से
परिजन
गहरे
सदमें
में
है।
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छोटे
बच्चों
को
अकेला
न
छोड़े
जिस
किसी
ने
इस
घटना
के
बारे
में
सुना
वह
स्तब्ध
रह
गया।
हर
किसी
की
जुबान
पर
यही
बात
थी,
कि
यदि
घर
पर
बच्ची
के
पास
कोई
समझदार
व्यक्ति
होता
तो
उसकी
जान
बच
सकती
थी।
यह
घटना
टल
सकती
थी।
यह
घटना
खासकर
नौकरी-पेशा
वाले
लोगों
लिए
भी
सबक
है,
जो
छोटे
बच्चों
को
घर
पर
अकेला
छोड़कर
चले
जाते
है।
वह
सोचते
है
कि
बच्चे
घर
पर
खेलते
रहेंगे,
तब
तक
वह
जल्दी
से
अपना
काम
निपटा
ले।
जरा
सी
चूक
किसी
की
जान
भी
ले
सकती
है,
यह
घटना
उसी
का
उदहारण
है।