...और बन गया दुनिया का पहला स्पर्म, जानिए कैसे?
नयी दिल्ली। जो लोग पिता नहीं पा रहे थे उनके लिए खुशखबरी है। जी हां फ्रांस के वैज्ञानिकों ने वो कर दिखाया है जिसके सुनकर ऐसे मर्द खुशी से उछल पड़ेंगे। वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार स्पर्म सेल विकसित करने का दावा किया है। इससे उन पुरुषों के इलाज की उम्मीद बढ़ गई है, जो स्पर्म नहीं बनने के कारण पिता नहीं बन पाते हैं।
इन वैज्ञानिकों की माने तो अब प्रतिवर्ष 50,000 लोगों के इलाज हो पाएगा जो पिता बन पाने में अक्षम है। इससे उन पुरुषों के इलाज की उम्मीद बढ़ गई है जो स्पर्म नहीं बनने के कारण पिता नहीं बन पाते हैं।
वैज्ञानिकों का कमाल
वैज्ञानिकों की माने तो जेनेटिस सामग्री से पूर्णत: क्रियाशील सीमन का निर्माण कर लिया है। उनका दावा है कि वह इसके प्री-क्लीनिकल ट्रायल में सफल रही है और अगले दो साल के भीतर क्लीनिकल ट्रायल में बच्चे को जन्म देने की स्थिति में आ जाएगी।
लोगों का इलाज संभव
इन वैज्ञानिकों की माने तो अब प्रतिवर्ष 50,000 लोगों के इलाज हो पाएगा जो पिता बन पाने में अक्षम है। इससे उन पुरुषों के इलाज की उम्मीद बढ़ गई है जो स्पर्म नहीं बनने के कारण पिता नहीं बन पाते हैं।
लंबी प्रक्रिया
प्रयोगशाली में स्पर्म तैयार करना एक लंबी प्रक्रिया है। प्री-क्लीनिकल ट्रायल में ये वेज्ञानिक सफल रहे है और उनका दावा है कि अगले दो साल के भीतर क्लीनिकल ट्रायल में बच्चे को जन्म देने की स्थिति में आ जाएंगे।
जानिए कैसे बनी ?
कैलिस्टेम के मुताबिक स्पर्मेटोगोनिया नामक ये कोशिकाएं परखनली में परिपक्व स्पर्म के रूप में विकसित हुई हैं।
मिली कामयाबी
वैज्ञानिकों के मुताबिक उनकी टीम ने आईवीएफ के लिए स्वीकृत शुक्राणु बनाने की आवश्यक तकनीक विकसित करने में पूर्णता हासिल कर चुकी है।