दुनिया का सुपरजेट अंतरिक्ष तक ले जा सकता है सैटेलाइट और लॉन्च कर सकता है रॉकेट
कैलिफोर्निया। दुनिया के सबसे बड़े प्लेन स्ट्रैटोलॉन्च बेहेमोथ ने अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद शनिवार को लैंडिंग की। इस प्लेन में दो फ्यूसलिज और बोइंग 747 के छह इंजन लगे हैं। कैलिफोर्निया में इस सुपर प्लेन की मेगा लैंडिंग के बाद अंतरिक्ष का सफर आसानी से पूरा हो सकेगा। इस सुपर जेट ने मोजावे के रेगिस्तान पर अपनी पहली यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
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ले जाएगा सैटेलाइट भी
इस प्लेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अंतरिक्ष तक जा सकता है। प्लेन रॉकेट की मदद से सैटेलाइट तक स्पेस में ड्रॉप कर सकता है। बताया जा रहा है कि इस प्लने की वजह से रॉकेट्स के वर्टिकल टेकऑफ की जगह दूसरे और फ्लेक्सिबल तरीकों से टेकऑफ में मदद मिलेगी और सैटेलाइट तक डेप्लॉय हो सकेंगे। वर्टिकल टेकऑफ ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत होती है। इस प्लेन को स्केल्ड कंपोसिट्स नामक कंपनी ने तैयार किया है। एयरक्राफ्ट इतना बड़ा है कि विंग स्पैन फुटबॉल के मैदान से भी ज्यादा बड़े हैं।
एयरबस से डेढ़ गुना ज्यादा बड़ा
सरल शब्दों में कहें तो यह प्लेन एक एयरबस ए380 की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा बड़ा है। इसके विंग स्पैन 117 मीटर के हैं जबकि एयरबस के विंगस्पैन सिर्फ 80 मीटर के होते हैं। शनिवार को इस प्लेन ने टेकऑफ किया था। करीब ढाई घंटे की उड़ान के बाद इसने लैंडिंग की। इसके साथ ही इसने अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस प्लेन की अधिकतम स्पीड 304 किलोमीटर प्रतिघंटा है और यह 17,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।
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छोटे सैटेलाइट्स के लिए वरदान
स्ट्रैटोलॉन्च के सीईओ जीन फ्लॉयड ने उड़ाने के बाद कहा, 'क्या अद्भुत उड़ान है ये।' उन्होंने आगे कहा, 'आज की फ्लाइट हमारे मिशन के लिए लचीले विकल्प मुहैया कराती है ताकि हम जमीन से सिस्टम को लॉन्च कर सकें।'स्ट्रैटोलॉन्च को पॉल एलन की ओर से वित्तीय मदद मिलती थी जोकि माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर हैं। इसका मकसद छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए बाजार मुहैया कराना है। अक्टूबर में पॉल का निधन हो जाने के बाद से कंपनी पर अनिश्चितता छा गई है।
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