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डायनासोर के बाद मिट सकता है हाथी, भालू और शार्क का नामोनिशान, WWF की विनाशकारी चेतावनी

डायनासोर के बाद हाथी, भालू समेत सैकड़ों प्रजातियां तेजी से विलुप्त होने की तरफ बढ़ रही हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने जंगली जीवों के विलुप्त होने को लेकर विनाशकारी चेतावनी दी है।

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वॉशिंगटन, जनवरी 01: दुनिया में पर्यावरण और जानवरों के संरक्षण को लेकर काम करने वाली वैश्विक संस्था वर्ल्ड वाइड फंड यानि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने कई जानवरों के खत्म होने के कगार पर पहुंचने की गंभीर चेतावनी जारी की है और दावा किया है कि, जिस तरह से धरती से डायनासोर हमेशा के लिए विलुप्त हो गये थे, उसी तरह से लाखों पेड़-पौधे और सैकड़ों प्रजातियों के जानवर भी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं और इनका धरती से हमेशा के लिए खात्मा हो सकता है।

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WWF की विनाशकारी चेतावनी, Dinosaur की तरह हाथी और भालू भी विलुप्त हो जाएंगें? | वनइंडिया हिंदी
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की गंभीर चेतावनी

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की गंभीर चेतावनी

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने दावा किया है कि अगले दशक के भीतर डायनासोर के बाद से दुनिया सबसे बड़े सामूहिक विनाशकारी घटनाओंकी तरफ तेजी से बढ़ रही है और लाखों पौधों और जानवरों को विलुप्त होने की तरफ धकेल रही है। पर्यावरण संगठन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने विनर्स एंड लूजर्स-2021 को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई जानवरों के धरती से हमेशा के लिए खत्म होने की बात कही गई है, जिनें हाथी, ध्रुवीय भालू, शार्क, मेंढक और मछलियों को खतरे में रखा गया है और रिपोर्ट में कहा गया है कि, ये सभी प्रजाति गंभीर खतरे में हैं और अगले दशक के भीतर लगभग दस लाख प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं-जो डायनासोर युग के अंत के बाद से सबसे बड़ी सामूहिक विलुप्त होने की घटना होगी।'

विलुप्त होंगी 10 लाख प्रजातियां?

विलुप्त होंगी 10 लाख प्रजातियां?

प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करनेवाली एक और संस्था इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर यानि आईयूसीएम ने पहले ही विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी एक लाख 42 हजार 500 प्रजातियों को रखा है, जिनमें से 40 हजार प्रजातियों को अत्यधिक गंभीर स्थिति वाले लिस्ट में रखा गया है। 1964 में इस सूची का गठन किया गया था और अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था गठन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने कहा है कि, ''इन प्रजातियों के जीवन पर भयानह खतरा मंडर रहा है और इनकी जिंदगी अत्यधित गंभीर हालत में और अगर इनका संरक्षण जल्द से जल्द नहीं किया गया, तो धरती से इनका नामोनिशान मिट सकता है।''

अफ्रीकी हाथियों पर सबसे ज्यादा खतरा

अफ्रीकी हाथियों पर सबसे ज्यादा खतरा

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि, अफ्रीकी वन हाथियों की संख्या में पिछले 31 वर्षों में 86 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये प्रजाति अत्यधिक जोखिम भरे हालात में पहुंच चुके हैं और इनके विलुप्त होने का खतरा सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुसार आर्कटिक महासागर पैक बर्फ के तेजी से पिघलने के कारण ध्रुवीय भालू भी गंभीर खतरे में हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि, 2035 की गर्मियों तक आर्कटिक पूरी तरह से बर्फ से मुक्त हो सकता है। पशु संगठन का कहना है कि अत्यधिक मछली पकड़ने, आवास के नुकसान और जलवायु संकट के कारण सभी शार्क मछलियों की संख्या में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

नहीं बचेंगे जर्मन में पेड़ के मेंढ़क

नहीं बचेंगे जर्मन में पेड़ के मेंढ़क

इसके साथ ही इस बात की भी आशंका जताई गई है कि जर्मनी में पेड़ के मेंढक और टोड बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं और ये उभयचर प्राणी अब कुछ सालों में धरती से हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट में इन्हें भी लुप्तप्राय प्रजातियों की गंभीर लिस्ट में रखा गया है और इनके साथ ही भूमध्य सागर में सबसे बड़ा क्लैम नोबल पेन शेल भी सूची में शामिल है। कड़ी चेतावनियों के बावजूद, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का कहना है कि इन गंभीर रिपोर्ट के बाद भी आशा की कुछ किरणें अभी भी मौजूद हैं, क्योंकि हमने बीते कुछ सालों में सफलता की कई कहानियों को भी लिखा है।

कुछ जानवरों की संख्या बढ़ी

कुछ जानवरों की संख्या बढ़ी

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक समर्पित प्रयास की वजह से नेपाल के जंगलों में भारतीय गैंडों की संख्या काफी बढ़ी है और सरकार के उपायों की वजह से साल 2015 के बाद से उनकी संख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, विलुप्त होने के कगार पर होने के बाद अब स्पेन और पुर्तगाल में 1,111 जानवरों के साथ इबेरियन लिंक्स भी पिछले 18 वर्षों में दस गुना बढ़ गया है। वहीं, एक पुनर्वास कार्यक्रम ने आल्प्स में दाढ़ी वाले गिद्धों की संख्या में वृद्धि की है और अब इस क्षेत्र में करीब 300 से ज्यादा दाढ़ी वाले गिद्धों को उड़ते देखा जाता है।

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English summary
After dinosaurs, hundreds of species, including elephants, bears, are rapidly moving towards extinction. WWF has issued a catastrophic warning about the extinction of wild animals.
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