रूस में कड़ाके की ठंड से डिप्रेशन में गए लोग, दिसंबर में सिर्फ 6 मिनट के लिए निकला सूरज
रूस का मॉस्को हो या साइबेरिया, हर जगह ठंड की मार ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। जहां उत्तर भारत में सूरज की किरणें देखने को मिल जाती हैं, वहीं मॉस्को में लोगों को ये भी नसीब नहीं हो रहा है। रूस की राजधानी मॉस्को में सूरज ने केवल 6 मिनट के लिए अपने दर्शन दिए हैं।
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मॉस्को। कड़कड़ाती ठंड से सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देश परेशान हैं। अमेरिका-कनाडा में जहां बर्फबारी से बुरे हाल हैं वहीं रूस तो जैसे जम ही गया है। फिर चाहे रूस का मॉस्को हो या साइबेरिया, हर जगह ठंड की मार ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। जहां उत्तर भारत में सूरज की किरणें देखने को मिल जाती हैं, वहीं मॉस्को में लोगों को ये भी नसीब नहीं हो रहा है। रूस की राजधानी मॉस्को में सूरज ने केवल 6 मिनट के लिए अपने दर्शन दिए हैं।
केवल 6 मिनट के लिए निकला सूरज
रूस में हर साल ठंड से जनजवीन अस्त-व्यस्त हो जाता है। कड़ाके की ठंड, तेज हवाएं और बर्फबारी से जिंदगी जैसे ठहर सी जाती है। इस बार तो वहां इतनी ठंड पड़ी है कि लोगों को सूरज के दर्शन ही नहीं हुए। रूस की राजधानी मॉस्को में दिसंबर महीने में केवल 6 मिनट ही सूरज निकला है।
आमतौर पर 18 घंटे निकलता है सूरज
ये काफी हैरान कर देने वाला है क्योंकि आमतौर पर वहां सूरज के दर्शन 15-18 घंटे हो जाते हैं। दिसंबर महीने में सूरज निकलने का औसतन समय 18 घंटे है लेकिन इस बार दिसंबर महीने में केवल 6 मिनट के लिए सूरज निकला है। इससे कई लोग डिप्रेशन में भी चले गए हैं।
ठंड से जम गईं लड़की की पलकें
पूरा महीना अंधेरे में बिताने के कारण लोग डिप्रेशन में भी चले गए हैं। साइकैट्रिस्ट के पास अचानक से कई लोग इस बीमारी को लेकर पहुंच रहे हैं। रूस के कई हिस्सों में तापमान माइनस में पहुंच गया है। साइबेरिया के Yakutsk में तो तापमान माइनस 65 डिग्री तक पहुंच गया है। ठंड के कारण यहां लोगों की पलकें तक जम गई हैं।
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